कोलकाता, 4 मार्च . पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने हाल ही में जादवपुर यूनिवर्सिटी में हुई हिंसक घटना को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी शैक्षिक संस्थान में ऐसा नहीं होना चाहिए, वह पढ़ने की जगह होती है, न कि हिंसात्मक घटनाओं की. इसके साथ ही उन्होंने तमिलनाडु में जारी भाषा विवाद को लेकर बोला. उन्होंने कहा कि मैं संविधान को मानता हूं, जिसमें यूनिटी इन डायवर्सिटी के बारे में लिखा गया है.
जादवपुर यूनिवर्सिटी की घटना पर शुभंकर सरकार ने कहा कि मेरा मानना है कि किसी भी शैक्षिक संस्थान में खून नहीं बहना चाहिए. किसी का भी खून शरीर से बाहर आएगा, ये हम बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. शैक्षिक संस्थान में शांति का माहौल होना चाहिए, जहां केवल पढ़ाई का वातावरण होना चाहिए.
आपको बता दें कि बीते शनिवार को पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु डब्ल्यूबीसीयूपीए की मीटिंग में शामिल होने के लिए जादवपुर यूनिवर्सिटी जा रहे थे, जहां पर एसएफआई के छात्रों ने उन्हें देखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इस दौरान उनकी गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया गया था. इस घटना के बाद इसकी चर्चा काफी तेज हो गई है.
तमिलनाडु में हो रहे भाषा विवाद पर टिप्पणी करते हुए शुभंकर सरकार ने कहा, ”मैं तो एक ही किताब जानता हूं-भारत का संविधान. इस संविधान में जो आर्टिकल हैं, उनमें ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’, ‘फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन’ और ‘यूनिटी इन डाइवर्सिटी’ का उल्लेख किया गया है. जिस भाषा को भारत सरकार ने मान्यता दी है, उस पर सभी को ध्यान देना चाहिए. काम की कोई भी भाषा हो सकती है, जो ज्यादा इस्तेमाल होती है उसका महत्व बढ़ जाता है.”
बता दें कि तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार हिंदी भाषा को जबरदस्ती तमिलनाडु पर थोपने की योजना बना रही है. आरोप लगाया था कि यूपी-बिहार जैसे राज्यों पर हिंदी थोपने की वजह से वहां की मातृभाषा खत्म हो चुकी हैं. केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आप तमिलनाडु पर जबरन हिंदी थोपेंगे तो आपको ‘भाषा युद्ध’ से होकर गुजरना होगा.
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डीएससी/