रांची, 1 दिसंबर . पश्चिम बंगाल की सरकार ने दूसरे राज्यों में आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी है. इसका सबसे अधिक असर झारखंड के बाजारों पर पड़ा है. यहां आलू की कीमतों में पांच से दस रुपये तक का इजाफा हुआ है. व्यापारिक संगठनों की गुहार पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को राज्य सरकार के अफसरों को निर्देश दिया है कि वे आलू की आवक को लेकर पैदा हुए गतिरोध को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.
पश्चिम बंगाल की सरकार ने यह रोक पांच दिन पहले लगाई है. इसके बाद बंगाल से आलू लेकर झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार सहित अन्य राज्य राज्यों के लिए निकले वाहनों को चेक पोस्ट पर रोक लिया गया. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से लगती बंगाल की सीमा पर स्थित डिबूडीह चेकपोस्ट पर पिछले पांच दिनों के अंदर 200 से भी अधिक आलू लदे ट्रकों को रोका गया. कई ट्रक अब भी सीमा पर खड़े हैं, जबकि कई ट्रकों पर लदा आलू वापस कोल्ड स्टोरेज या पश्चिम बंगाल में होलसेलर्स के पास भेज दिया गया है. बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतों पर नियंत्रण के लिए वहां की सरकार ने दूसरे राज्यों की आपूर्ति पर रोक लगाने का निर्देश 27 नवंबर को जारी किया है.
इधर, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने रविवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से इस मामले में फोन पर बात की. झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बताया है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही एक कमेटी बनाकर आलू की आपूर्ति से जुड़े विषय पर निर्णय लिया जाएगा. बता दें कि झारखंड और बंगाल दोनों राज्यों के बीच सब्जियों की फसल की बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री होती है.
झारखंड में आलू की फसल फिलहाल तैयार नहीं हुई है. जुलाई से लेकर दिसंबर तक यहां के बाजारों में बंगाल से बड़े पैमाने पर आलू की आवक होती है. झारखंड से भी टमाटर, मटर और कई प्रकार की हरी सब्जियां बंगाल सहित दूसरे राज्यों में बड़े पैमाने पर भेजी जाती हैं.
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एसएनसी/