‘जीविका’ के तहत जीवन में आया बदलाव : लाभार्थी सीमा देवी

वैशाली, 5 जनवरी . वैशाली की रहने वाली सीमा देवी का परिवार अच्छे से चल रहा था. लेकिन, एक दिन पति के बीमार होने से उनके सामने समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा. एक तरफ जहां बीमार पति का इलाज कराना था, वहीं दूसरी तरफ बच्चों का पालन-पोषण करना था. सीमा को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि इस मुसीबत के समय से वह कैसे बाहर निकलेंगी. लेकिन, आज वह खुश हैं क्योंकि वह इन समस्याओं से बाहर आ चुकी हैं और परिवार का पालन-पोषण अच्छे से कर रही हैं. वह रोजाना करीब हजार रुपये की आमदनी कर रही हैं. चलिए जानते हैं इसके पीछे की कहानी कि कैसे सीमा देवी के जीवन में बदलाव आया.

सीमा देवी ने इस बदलाव के बारे में से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि पति को सांस की समस्या थी. उनके इलाज के दौरान आस-पास की महिलाओं से जीविका योजना के बारे में जानकारी मिली. अन्य महिलाओं की मदद से मैं भी इस योजना से जुड़ गई. मुझे पहली किस्त के तौर पर 10 हजार रुपये मिले. फिर जीविका समूह से आगे एक बकरी मिली, जिसे बेचकर एक दुकान शुरू की.

उन्होंने कहा कि आज काफी अच्छा लग रहा है. दुकान अच्छे से चल रही है. रोजाना एक हजार से 1200 रुपये की कमाई हो जाती है. बच्चों का भी पालन-पोषण अच्छे से चल रहा है. बच्चे अच्छे से स्कूल पढ़ने के लिए जा रहे हैं.

‘जीविका’ योजना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी तारीफ कर चुके हैं. नीतीश ने कहा कि पहले महिलाओं की क्या स्थिति थी. जब हम लोगों ने स्वयं सहायता समूह दिया, जिसे हम लोग जीविका दीदी भी कहते हैं. आज इस योजना से महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. जीविका दीदी को अगर किसी भी तरह की जरूरत होती है तो वह सहायता दी जाती है.

बता दें कि जीविका योजना बिहार में रहने वाली उन महिलाओं के लिए एक वरदान के तौर पर है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और आय कमाने का दूसरा साधन नहीं है. इस योजना के तहत 10 से 12 महिलाओं को जोड़ा जाता है और एक ग्रुप बनाया जाता है, जिससे वह किसी काम से जुड़ सकें. ग्रुप का एक बैंक खाता खुलवाया जाता है. इस ग्रुप से जुड़ी महिलाएं कर्ज लेकर अपना काम-काज शुरू कर सकती हैं.

डीकेएम/एएस