महाकुंभ में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का बना सेंटर, लाभार्थी दीपक कुमार ने गिनाए लाभ

महाकुंभ नगर, 27 जनवरी . तीर्थराज प्रयाग में जारी महाकुंभ में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का सेंटर बनाया गया है, जहां पर लोगों को ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़ी जानकारी दी जाती है. साथ ही, योजना का लाभ देने के लिए लोगों की मदद भी की जा रही है.

इस योजना की जानकारी लेने के लिए प्रतिदिन लोगों का यहां आना-जाना लगा हुआ है. इस सेंटर में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के साथ-साथ केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं के बारे में भी बताया जा रहा है.

‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के लाभार्थी दीपक कुमार बिंद ने कहा कि हम प्रयागराज जिले के हड़िया तहसील के रहने वाले हैं. यह सरकार की बहुत अच्छी योजना है, जिससे हम लोगों को रोजगार में सहायता मिल रही है. इसमें 18 योजनाएं हैं और सरकार इसके लिए सहायता राशि प्रदान कर रही है. अगर आप कोई बड़ा कारोबार नहीं कर सकते तो सरकार आपको छोटा कारोबार शुरू करने के लिए आर्थिक तौर पर सहयोग कर रही है. किसी के माध्यम से हमें इस योजना के बारे में पता चला था. हम कारपेंटर का काम करना चाहते हैं, हमने ऑनलाइन आवेदन किया था. इसके तीन स्टेप होते हैं. दो स्टेप हमारा फाइनल हो गया है, केवल एक स्टेप बचा है, जिसके क्लीयर होने के बाद हमें सरकार की तरफ से इस योजना का लाभ मिलेगा.

दीपक कुमार बिंद ने आगे कहा कि ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ में हमारा सत्यापन तीन चरणों में होता है. फिर हमें पांच दिनों के प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाता है. हमें प्रतिदिन 500 रुपये का भुगतान किया जाएगा. जब हम काम सिख लेंगे तो सरकार हमको 15,000 रुपये की टूल किट की सहायता प्रदान करती है. साथ ही सरकार हमें बिजनेस शुरू करने के लिए एक लाख का लोन भी दे रही है. यह योजना हमारे लिए बहुत लाभकारी है. पीएम मोदी की हर योजना अच्छी होती है. लेकिन, यह योजना कुछ खास है, जिसका हम गरीबों को विशेष लाभ मिल रहा है.

एमएसएमई प्रयागराज के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि एमएसएमई के मंडप में ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’, जो भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, उसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के तहत पहले हम विश्वकर्मा भाई-बहनों को आईडेंटिफाई करते हैं. सत्यापन के माध्यम से जब पहचान हो जाती है तो सरकार की ओर से उनको प्रमाण पत्र दिया जाता है. साथ ही लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है और उन्हें भत्ता दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि सरकार उन्हें टूल किट देती है. कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लोन भी देती है. हुनरमंद विश्वकर्मा भाई-बहन जो पंरपरागत तौर पर अपने कामों से जुड़े हुए है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा. यहां प्रतिदिन कम से कम 100 से 200 लोग आते हैं और उम्मीद है कि आगे आने वाले दिनों में लोगों की संख्या बढ़ेगी.

एकेएस/एबीएम