‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की तीसरी किस्त से खिले लाभार्थियों के चेहरे

Patna, 6 अक्टूबर . बिहार के Chief Minister नीतीश कुमार ने ‘Chief Minister महिला रोजगार योजना’ के तहत 21 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपए प्रति लाभार्थी की तीसरी किस्त हस्तांतरित की. तीसरी किस्त मिलने के बाद लाभार्थी महिलाओं के चेहरों पर खुशी देखने को मिली. महिलाओं ने पीएम मोदी और नीतीश कुमार के प्रति आभार जताया.

‘Chief Minister महिला रोजगार योजना’ के तहत 26 सितंबर को Prime Minister Narendra Modi ने 75 लाख महिलाओं के खातों में 10,000 रुपए प्रति लाभार्थी भेजे थे. इसके बाद, 3 अक्टूबर को Chief Minister नीतीश कुमार ने 25 लाख महिलाओं के खातों में यह राशि हस्तांतरित की थी.

से बातचीत में कई महिलाओं ने इस योजना के तहत मिले तीसरे किस्त को लेकर खुशी जाहिर करते हुए इसे अपने लिए वरदान बताया और Prime Minister Narendra Modi व Chief Minister नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया.

लाभार्थी कौशल्या देवी ने कहा, “हमें बैंक खाते में 10,000 रुपए मिले हैं. इससे छोटा-मोटा रोजगार शुरू करेंगे. Prime Minister मोदी और Chief Minister नीतीश कुमार महिलाओं को सशक्त बना रहे हैं. जब महिलाएं आत्मनिर्भर होती हैं, तो पूरा परिवार लाभान्वित होता है.”

अनामिका कुमारी ने बताया, “मैं स्टेशनरी की दुकान खोलूंगी. इस योजना से हमें बहुत राहत मिली है. पहले महिलाएं घर से बाहर निकलने में हिचकती थीं, लेकिन अब वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं.”

कविता देवी ने कहा, “मैंने थेरेपी मशीन खरीदी है और आयुर्वेद संस्थान से जुड़कर जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों की मदद करूंगी. इस योजना से महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं और हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं.”

ज्योति कुमारी ने उत्साह से कहा, “मैं बहुत खुश हूं. 26 सितंबर से महिलाओं के खातों में पैसे आ रहे हैं. मैं दीपावली से सिलाई का रोजगार शुरू करूंगी.”

गीतांजलि देवी ने बताया, “यह योजना महिलाओं को सशक्त बना रही है. दशहरा पर पहली किस्त मिलने से महिलाएं खुश थीं. अब हमारे खाते में भी पैसे आए हैं. मैं सिलाई मशीन और दूध-दही का व्यवसाय शुरू करूंगी.”

लाभार्थियों ने कहा कि इस योजना से न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता मिल रही है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन भी आ रहा है. पहले घर से बाहर न निकलने वाली महिलाएं और बेटियां अब स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं. वे सुरक्षित महसूस कर रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं.

डीकेएम/एएस