Patna, 10 जुलाई . भोजपुरी के प्रसिद्ध कवि और लोकनाट्य परंपरा के संस्थापक भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि पर बिहार के लोग उन्हें याद कर रहे हैं. उन्हें ‘भोजपुरी का शेक्सपियर’ कहा जाता है. इस मौके पर उन्हें India रत्न देने की मांग तेज हो रही है.
सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भिखारी ठाकुर को मरणोपरांत पद्म भूषण देने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने Prime Minister Narendra Modi और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. वे बिहार के सभी सांसदों के हस्ताक्षर लेकर एक संयुक्त प्रस्ताव India Government को सौंपेंगे.
सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने भी India Government से मांग की है कि भोजपुरी लोकनाट्य के संस्थापक और महान समाज सुधारक भिखारी ठाकुर को India रत्न से सम्मानित किया जाए. उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में एक ही पार्टी की Government है, लेकिन दोनों ने भिखारी ठाकुर के योगदान को नजरअंदाज किया है.
उन्होंने कहा कि सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भिखारी ठाकुर के लिए पद्म भूषण की मांग की है, जिसका कोई विरोध नहीं है. लेकिन, उनका मानना है कि रूडी ने भिखारी ठाकुर के महत्व को कम आंका है. भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ अपने नाटकों और गीतों के जरिए सामाजिक जागरूकता और राष्ट्रीय चेतना फैलाई. उन्होंने शोषण, बाल विवाह, नारी उत्पीड़न, शराबखोरी और प्रवासी दुख जैसे मुद्दों को लोगों तक पहुंचाया, जो स्वतंत्रता आंदोलन के साथ-साथ एक सामाजिक क्रांति थी.
उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर की रचना ‘बिदेसिया’ केवल एक नाटक नहीं, बल्कि प्रवासी मजदूरों की पीड़ा की कहानी है, जो आज भी प्रासंगिक है. उनकी रचना ‘बेटी-बेचवा’ बाल विवाह पर तीखा व्यंग्य करती है, जबकि ‘गबरघिचोर’ महिलाओं की स्वतंत्रता और सम्मान की बात करती है. वे सिर्फ कलाकार नहीं, बल्कि जन-गायक, लोक-मसीहा और सांस्कृतिक योद्धा थे. भोजपुरी समाज के लिए वे आस्था, सम्मान और पहचान का प्रतीक हैं. इसलिए, उन्हें India रत्न से सम्मानित करना चाहिए.
वहीं, प्रदेश भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट पंकज सिंह कहते हैं कि भिखारी ठाकुर को India रत्न देने की मांग पुरानी है. उनका जीवन सादगी, संघर्ष, सामाजिक बदलाव और सांस्कृतिक जागरण का प्रतीक है. जिस तरह भूपेन हजारिका को India रत्न मिला, उसी तरह भिखारी ठाकुर को भी यह सर्वोच्च सम्मान देना चाहिए.
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एमएनपी/पीएसके