भारत रवाना होने से पहले पीएम मोदी कालचक्र अभिषेक में हुए शामिल, क्या है इसका महत्व?

New Delhi, 12 नवंबर . India के Prime Minister Narendra Modi दो दिवसीय यात्रा को पूरा कर देश लौट आए हैं. भूटान से रवाना होते समय खुद भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक एयरपोर्ट पर Prime Minister मोदी को छोड़ने के लिए खुद आए. इसके लिए पीएम मोदी ने उनका आभार भी जताया.

इससे पहले पीएम मोदी ने थिम्पू में चल रहे वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव के तहत चांगलिमथांग स्टेडियम में आयोजित कालचक्र अभिषेक समारोह में भूटान नरेश वांगचुक और भूटान के चतुर्थ नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के साथ हिस्सा लिया.

इस पवित्र समारोह में देश-विदेश के 30,000 से अधिक लोग उपस्थित थे. प्रार्थना की अध्यक्षता भूटान के मुख्य मठाधीश जे खेंपो ने की.

Prime Minister मोदी ने X पर पोस्ट किया, “भूटान के राजा महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और महामहिम चतुर्थ ड्रुक ग्यालपो के साथ कालचक्र ‘समय चक्र’ अभिषेक का उद्घाटन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इसकी अध्यक्षता परम पावन जे खेंपो ने की, जिसने इसे और भी विशेष बना दिया. यह दुनियाभर के बौद्धों के लिए अत्यंत सांस्कृतिक महत्व वाला एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है.”

उन्होंने आगे कहा, “कालचक्र अभिषेक वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव का एक हिस्सा है, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों और विद्वानों को भूटान में एक साथ लाया है.”

कालचक्र अभिषेक बौद्ध धर्म में आयोजित किया जाने वाला दीक्षा समारोह है. इस समारोह को समय के चक्र के रूप में जाना जाता है. इसका उद्देश्य वैश्विक शांति के लिए प्रार्थना करना है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव का हिस्सा माना जाता है. इस समारोह में किसी भी धर्म के लोग शामिल हो सकते हैं, जिन्हें मानवता में विश्वास है.

Prime Minister मोदी ने थिम्पू में भूटान के चतुर्थ राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से भी मुलाकात की और कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि Prime Minister ने चतुर्थ राजा को उनकी 70वीं जयंती के अवसर पर बधाई दी और India की ओर से उनके निरंतर अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए शुभकामनाएं दीं.

बैठक के बाद Prime Minister मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, “महामहिम चतुर्थ ड्रुक ग्यालपो के साथ एक शानदार बैठक हुई. भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में उनके व्यापक प्रयासों की सराहना की. ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी में सहयोग पर चर्चा की. गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना में प्रगति की सराहना की, जो हमारी एक्ट ईस्ट नीति के अनुरूप है.”

पीएम मोदी ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेरी भूटान यात्रा ऐसे समय में हुई है जब इस देश के लोग विभिन्न ऐतिहासिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. महामहिम चतुर्थ ड्रुक ग्यालपो की 70वीं जयंती है. वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव चल रहा है और India से विशेष बुद्ध अवशेष यहां हैं.”

उन्होंने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लेकर कहा कि ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में प्राप्त परिणाम हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को और गति प्रदान करेंगे. भूटान की जनता और Government के प्रति मेरी आभार. मैं भूटान के महामहिम राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का आभारी हूं कि वे दिल्ली के लिए रवाना होते समय हवाई अड्डे पर आए. विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा भारत-भूटान द्विपक्षीय मित्रता को और प्रगाढ़ करेगी और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगी.

केके/वीसी