रोहतक, 7 मई . हरियाणा में 25 मई को राज्य की सभी 10 संसदीय सीटों पर होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मंगलवार को कांग्रेस को काफी मजबूती मिली, जब तीन निर्दलीय विधायकों ने सबसे पुरानी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया.
समर्थन देने वाले विधायक हैं चरखी दादरी से सोमवीर सांगवान, पूंडरी से रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर. उन्होंने भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया.
विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जेजेपी और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा सरकार ने बहुमत खो दिया है.
उन्होंने यहां मीडिया से कहा, “हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाकर तुरंत विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए, क्योंकि आज न केवल जनता, बल्कि भाजपा को वोट और समर्थन देने वाले लोग भी सरकार की नीतियों से नाखुश हैं.”
तीनों विधायकों ने हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्य इकाई कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान की मौजूदगी में मीडिया को संबोधित करते हुए अपने समर्थन की घोषणा की.
तीनों विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने का पत्र राज्यपाल को भेज दिया है.
विधायकों ने कहा कि भाजपा ने जनता को परास्त कर दिया है और अब भाजपा को मौका देने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि सरकार में बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ते अपराध, पारिवारिक पहचान और संपत्ति की पहचान से हर वर्ग नाखुश है.
उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि आज किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी समेत हर वर्ग आंदोलन कर रहा है.
निर्दलीय विधायकों ने कहा कि जब वे सरकार में थे तो उन्होंने अलग-अलग मौकों पर भाजपा को चेतावनी देने की कोशिश की, लेकिन भाजपा ने अपनी जिद नहीं छोड़ी. विधायकों ने कहा कि अब जनता की उम्मीदें सिर्फ कांग्रेस से हैं.
इस बीच, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने समर्थन के लिए तीनों विधायकों का आभार जताया और कहा कि उन्होंने जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है.
उन्होंने कहा, “सही समय पर लिया गया उनका सही निर्णय निश्चित रूप से फल देगा. लोकसभा और आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत निश्चित है.”
हुड्डा ने कहा, “भाजपा नेता और कार्यकर्ता खुद इस सरकार से तंग आ चुके हैं. यही कारण है कि कई लोग भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. पिछले डेढ़ साल में अन्य दलों से कांग्रेस में अब तक कई विधायक, पूर्व विधायक, सांसद और पूर्व सांसद समेत 100 से ज्यादा बड़े नेता शामिल हो चुके हैं.”
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद भाजपा के पास अब 88 में से केवल 40 विधायक हैं.
मार्च में 10 विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा को पांच निर्दलीय विधायकों और हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा का समर्थन प्राप्त हुआ.
अब तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मार्च में मुख्यमंत्री की भूमिका संभालने के बाद विश्वास मत हासिल किया. वह 25 मई को करनाल से विधानसभा उपचुनाव भी लड़ेंगे.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के पास एक विधायक है.
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एसजीके/