नई दिल्ली (New Delhi) . एक अध्यन से पता चला है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे कि बस में कोरोना (Corona virus) जल्दी फैलता है. बताया गया है कि 67 लोगों की बस में सफर कर रहा एक संक्रिमत व्यक्ति 23 लोगों को संक्रमित कर सकता है. इस रिसर्च में मिले रिजल्ट भारत के लिए बेहद जरूरी हैं क्योंकि हम अब अनलॉक 4 में प्रवेश कर चुके हैं और यहां बसऔर मेट्रो को चलाने की अनुमति भी मिल चुकी है.अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की एक मैगजीन जेएएमए इंटरनल मेडिसिन में रिपोर्ट के अनुसार, वायरस का प्रसार दो बसों में से एक बस में हुआ जिसमें 123 लोग थे जो किसी पूजा समारोह का हिस्सा बनने के लिए जा रहे थे. अध्यन करने वाले एक लेखक ने कहा, वो जिन्होंने एयर एयर रीसर्कुलेशन वाली बस में एक साथ सफर किया उनमें किसी दूसरे बस में सवार लोगों की तुलना में SARS-CoV-2 के संक्रमण का खतरा बढ़ गया. इस बात का पता नहीं चला कि संक्रमण फैलाने वाला व्यक्ति कोई पुरुष था या कोई महिला लेकिन ये बताया जा रहा है कि उसमें खांसी, बुखार जैसे कोई भी लक्षण नहीं थे. ये उस समय की बात है जब चीन में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया था.
अध्यन में कहा गया है कि किसी बंद वातावरण में एयर रिसर्कुलेशन में संक्रमण अधिक तेजी से फैलता है. विशेषज्ञों का कहना है कि फिर से सब शुरू करने के लिए सुरक्षा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ के अध्यक्ष, डॉक्टर (doctor) के श्रीनाथ रेड्डी का कहना है, बसों के लिए हमारे पास थर्मल स्कैनिंग हैं, स्पेसिंग सीटिंग भी होनी चाहिए, मास्क जरूरी हैं, आने वालों को पीछे के गेट से एंट्री और जाने वालों का आगे गेट से निकाला जाना चाहिए. मेट्रो के लिए, थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा होना चाहिए, उतरने और चढ़ने के लिए अच्छी प्रक्रिया होनी चाहिए. जहां सभंव हो सके वहां पर्याप्त बैठने की जगह भी होनी चाहिए. इसके अलावा रेड्डी घर से काम करने का सुझाव देते हैं. दूसरा विकल्प सरकार (Government) के संपर्क-ट्रैकिंग ऐप आरोग्य सेतु का उपयोग करना है जो रिस्क को पहले ही ट्रैक करले और केवल सुरक्षित यात्रियों (Passengers) को यात्रा करना की अनुमति दे.
जीनोमिक्स के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संस्थान-एक एकीकृत जीवविज्ञान परिषद के डायरेक्टर, डॉक्टर (doctor) अनुराग अग्रवाल का कहना है, कई दफ्तरों में इसका इस्तेमाल देखा गया है लेकिन इसे सार्वजनिक स्तर पर इस्तेमाल करना चाहिए. एप्लिकेशन को लोगों के लिए व्यक्तिगत, उपयोगी और प्रत्यक्ष संदेश के साथ मजबूत बनाया जाना चाहिए, जिसमें लक्षणों को ट्रैक करना और लोगों से वापस संवाद करना, खुद को कैसे सुरक्षित रखना है, और कौन से मार्ग लेने हैं और किन क्षेत्रों से बचने के बारे में सलाह प्रदान करना शामिल हो. ज्यादा काम करना वाला ऐप लोगों को उसे इस्तेमाल करना के लिए प्रेरित करेगा और घर से बाहर निकलने पर लोगों के ऐप चेक करने की आदत भी बनेगी.