आस्था और ज्योतिष पर आधारित ‘कर्तम भुगतम’ सस्पेंस और ट्विस्ट से भरी

मुंबई, 17 मई . ‘कर्तम भुगतम’ विश्वास, किस्मत और मानवीय भावनाओं की एक कहानी है, जिसे निर्देशक सोहम पी. शाह ने बारीकी के साथ पेश किया है.

‘काल’ और ‘लक’ जैसी फिल्मों को बना चुके सोहम का हर प्रोजेक्ट अलग होता है, जिससे दर्शक अपने आप को कहानी से जुड़ा पाते है.

फिल्म में श्रेयस तलपड़े ने एनआरआई देव जोशी की भूमिका निभाई है. वहीं विजय राज ज्योतिषी अन्ना के रोल में हैं.

कहानी की शुरूआत देव (श्रेयस तलपड़े) के न्यूजीलैंड से भारत आने से होती है. वह भोपाल में अपने दिवंगत पिता की जायदाद लेने आया है. कोरोना काल में चल बसे उनके पिता ने देव के लिए करोड़ों रुपए जमा किए हुए थे.

देव अब पैसे और प्रॉपर्टी का काम निपटाकर न्यूजीलैंड वापस लौटना चाहता है, लेकिन उसका काम नहीं बन पा रहा. तमाम कोशिशों के बावजूद, जब काम में सफलता नहीं मिली तो वह ज्योतिषी अन्ना (विजय राज) के पास जाता है.

विश्वास और अंधविश्वास से दूर देव अब भाग्य और भ्रम के जाल में फंस गया. वह पूजा पाठ-ज्योतिष आदि को मानने लगा. ऐसे में कामों का पूरा होना उसे ज्योतिष की ओर विश्वास करने के लिए प्रेरित कर रहा था.

धीरे-धीरे वह इस दुनिया में इतना घुसता चला जाता है कि सच्चाई और माया के बीच के अंतर को पहचान नहीं पाता. अब कहानी में कुछ ऐसा होता है, जिसकी कल्पना दर्शकों ने नहीं की होगी.

फिल्म में श्रेयस तलपड़े ने देव के किरदार को बेहद लाजवाब ढंग से अदा किया है. वहीं अन्ना की भूमिका में विजय ने भी शानदार काम किया है. उनकी आवाज उनके किरदार में एक अद्भुत आकर्षण जोड़ती है. मधु और अक्षा परदासनी ने भी जबरदस्त एक्टिंग की है.

कहानी के अप्रत्याशित मोड़ और भावनात्मक गहराई दर्शकों को कुर्सी से बांधे रखेगी. बैकग्राउंड स्कोर और गाने फिल्म के मूड को बढ़ाते हैं.

‘कर्तम भुगतम’ उन लोगों को जरूर देखनी चाहिए, जो आस्था और ज्योतिष आदि में दिलचस्पी रखते हैं. यह फिल्म आपको एक नया नजरिया देगी. अपने दमदार परफॉर्मेंस, आकर्षक कहानी और प्रभावशाली निर्देशन के साथ, यह लंबे समय तक आपके दिमाग में रहेगी.

फिल्म: कर्तम भुगतम

अवधि: 2 घंटे 11 मिनट

निदेशक: सोहम पी. शाह

कलाकार: श्रेयस तलपड़े, विजय राज, मधु और अक्षा परदासनी

रेटिंग: 4 स्टार

पीके/