अबू धाबी, 1 मार्च . भारत के दिग्गज तेलुगु अभिनेता, राजनीतिज्ञ और समाजसेवी चिरंजीवी कोनिडेला ने अबू धाबी मंदिर में अपना अनुभव साझा किया. 2006 में पद्म भूषण और 2024 में पद्म विभूषण से सम्मानित भारतीय सिनेमा के दिग्गज चिरंजीवी ने बीएपीएस अबू धाबी मंदिर को आध्यात्मिक चमत्कार बताया है.
ब्रह्मांड का क्या अर्थ है?
यहां, मैंने ब्रह्मांड को न तो एक धर्म के रूप में देखा, न ही आध्यात्मिकता के रूप में- यह उससे परे है, कुछ ऐसा जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता. इस अद्भुत स्थान पर आने के बाद जो दिव्य तरंगे मैंने महसूस कीं, उन्हें शब्दों में व्यक्त करना असंभव है. मेरे शब्द नहीं, बल्कि मेरा हृदय बोलना चाहिए. इस स्थान का हर कोना अपनी विशेषता को दर्शाता है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महान प्रस्तुति है. हर कोना इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें कोई भेदभाव नहीं है.
इसलिए, हमें पूरी दुनिया के सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. यहाँ उन सभी को संजोया गया है, दर्शाया गया है, और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रस्तुत किया गया है. यही सबसे महान अनुभूति मुझे इस मंदिर में हुई. इस मंदिर का हर कोना एक अद्भुत कृति है. इस इस्लामी देश में इसे जो महत्व दिया गया है, वह अतुलनीय है. मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. स्वामीजी (प्रमुखस्वामी महाराज) के विचार आज इस स्वरूप में प्रकट हुए हैं. यह कोई आसान कार्य नहीं था.
तो, आखिर किसने उन्हें इस रेगिस्तान में भविष्य की पीढ़ियों के लिए इतनी भव्य रचना बनाने के लिए प्रेरित किया?
यही उनके विचारों की शक्ति थी, और उनका विश्वास अडिग था. 99% लोगों ने कहा, “नहीं, यहाँ मंदिर बनाना असंभव है.” लेकिन केवल एक व्यक्ति, जो इस पर विश्वास रखते थे, वह थे स्वामीजी (प्रमुखस्वामीजी महाराज).
और उन्होंने न केवल विश्वास किया, बल्कि उसे साकार भी किया. और आज, हम इसे अपनी आँखों से देख सकते हैं.
मैं तब स्तब्ध रह गया जब मैंने सुना कि मात्र दो वर्षों में इस चमत्कारी निर्माण को पूरा किया गया. 5000 से अधिक लोग इस कार्य में लगे रहे. और इस महान कार्य में, इस यात्रा में, मैं संयुक्त अरब अमीरात सरकार का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूँ, क्योंकि उन्होंने जिस तरह से सहयोग किया और खुले हृदय व बढ़े हुए हाथों से इस मंदिर का स्वागत किया, वह अतुलनीय है.
मैं प्रत्येक व्यक्ति का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्होंने भी इसे अपनाया. मुझे महसूस होता है कि यह स्वामीजी (प्रमुखस्वामी महाराज) के दृढ़ विश्वास और शक्तिशाली विचारों का परिणाम है, जिन्होंने इसे संभव बनाया और सब कुछ अपने आप सही स्थान पर आता चला गया.
वास्तव में, मैं धन्य हूं. मैं अपने परिवार के साथ आया और अद्भुत समय बिताया. इतना ही नहीं, जब भी मैं यूएई आता हूं, मैंने निश्चय किया है कि मैं बार-बार इस स्थान पर आऊंगा.
कैसे इस स्थान पर इतनी आध्यात्मिक और मानसिक पवित्रता संभव हो सकी?
मैं महसूस करता हूं कि यह एक आत्मा और आध्यात्मिक मन के लिए एक वेलनेस सेंटर है. मैं बहुत भाग्यशाली हूं, मैंने यहां से बहुत कुछ सीखा है, और मैं अपने हृदय में बहुत कुछ संजोकर लेकर जा रहा हूं.
–
एएस/