राज्य सरकार ने भले ही कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम योजना के जरिए निशुल्क दवाएं और उपचार की सुविधा मुहैया करवाती है लेकिन हकीकत ये है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए जिन दवाओं और उपचार की आमतौर पर जरूरत होती है उन दवाओं को सरकार ने योजना के दायरे से बाहर कर दिया है. जिसका नतीजा है कि कर्मचारी और पेंशनर्स को कब्ज, गैस, हारमोन, आयरन, मल्टी विटामिन व पोविडीन गार्गल जैसी दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ रही है.
रही सही कसर आरटीएचएस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में प्रसूति रोग से संबंधित कई दवाएं नहीं मिल पाती है. इन सभी को राज्य कर्मचारियों की तरह ही आरजीएचएस योजना से दवाइयों मिलती हैं. पूर्व में योजना में शामिल दवाओं की सूची में कई दवाएं हटाए जाने के कारण मरीजों को योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है.
सबसे ज्यादा समस्या स्किन डिजीज के मरीजों को होती है. इन मरीजों को दवाओं के साथ लोशन भी नहीं दिए जाते हैं वहीं पेंशनर्स को सबसे ज्यादा परेशानी पेट संबंधी होती है. कई पेंशनर्स को मिथाइल कोबालामिन, लेक्टूलोज, विटामिन जैसी दवाएं जिन पर उनकी सेहत टिकी है उन दवाओं को योजना के दायरे से बाहर कर दिया है.
