बांसुरी स्वराज ने जल संकट को लेकर केजरीवाल सरकार पर फिर साधा निशाना

दिल्ली, 17 जून . राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को पानी की किल्लत को लेकर भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. बांसुरी ने कहा कि केजरीवाल सरकार की लापरवाही की वजह से आज दिल्लीवासी एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. मुख्यमंत्री को सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने से मतलब है.

बीजेपी नेता बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “कहते हैं कि नीयत हो तो नियति भी बदल जाती है. अरविंद केजरीवाल की नीयत ही नहीं है कि दिल्लीवालों को पानी मिले. दिल्ली जल बोर्ड पूरी तरह से केजरीवाल सरकार के नियंत्रण में है. इनकी जिम्मेदारी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की है. इनकी जिम्मेदारी वाटर टैंकर माफिया पर अंकुश लगाने की है. इनकी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों तक पेयजल उपलब्ध कराया जाए, लेकिन एक दशक से ये लोग दिल्ली में सत्ता तो भोग रहे हैं, लेकिन लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.“

बीजेपी नेता ने कहा, “बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई थी. कोर्ट ने पूछा था कि आप लोग अवैध टैंकर माफिया पर रोक लगाने के लिए क्या कर रहे हैं? लेकिन, इनके पास कोई जवाब नहीं था, क्योंकि ये लोग अवैध टैंकर माफिया पर रोक लगाने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. इन लोगों को दिल्ली की जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है. केजरीवाल सरकार को सामने आकर बताना चाहिए कि वो दिल्ली में पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या कर रही है? सच्चाई यह है कि अरविंद केजरीवाल सरकार कुछ नहीं कर रही है. दिल्ली जल बोर्ड में केजरीवाल सरकार के संरक्षण में बड़ा घोटाला हो रहा है.“

उन्होंने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि हरियाणा की ओर से दिल्ली के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. मैं यहां आतिशी जी से पूछना चाहती हूं कि जब प्रोसेसिंग पावर केवल 990 क्यूसेक एमजीडी है, तो ये लोग किस मुंह से ज्यादा पानी मांग रहे हैं.“

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से पानी की किल्लत बरकरार है. आमतौर पर गर्मी की दस्तक के साथ ही यहां पानी की किल्लत पैदा हो जाती है, जिसे देखते हुए केजरीवाल सरकार की ओर से हर साल ‘समर एक्शन प्लान’ तैयार किया जाता है, जिसकी बैठक अमूमन मार्च में हो जाया करती थी, लेकिन इस बार इस तरह का कोई प्लान तैयार नहीं किया गया और ना ही ऐसी कोई बैठक हुई. बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार पूरे साल जनता के हितों को ताक पर रखते हुए शराब घोटाले को लेकर राजनीति करने में व्यस्त रही.

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