नई दिल्ली, 25 मार्च . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (पीएसएल) नियमों में बदलाव किए जाने से हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो वाले बैंकों को फायदा होगा. साथ ही इससे रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी. यह जानकारी मंगलवार को एक्सपर्ट्स द्वारा दी गई.
आरबीआई द्वारा सोमवार को ऐलान किया गया था कि उसने पीएसएल के लिए हाउसिंग की लोन लिमिट्स को बढ़ा दिया है और इसके साथ ही उन श्रेणियों का विस्तार किया है जिनके तहत लोन को रिन्यूएबल एनर्जी लोन के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.
संशोधित नियम 1 अप्रैल से प्रभावी होंगे.
एडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएसएल में हाउसिंग लोन की लिमिट बढ़ने से एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक को फायदा मिलने की उम्मीद है.
दिसंबर तिमाही के अंत में एचडीएफसी बैंक के पास सबसे बड़ी रिटेल मॉर्गेज बुक 8.17 लाख करोड़ रुपये थी, उसके बाद एसबीआई के पास 7.92 लाख करोड़ रुपये की रिटेल मॉर्गेज बुक, आईसीआईसीआई बैंक के पास 4.27 लाख करोड़ रुपये की रिटेल मॉर्गेज बुक और एक्सिस बैंक के पास 1.67 लाख करोड़ रुपये की रिटेल मॉर्गेज बुक थी.
एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के अनुसार, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि आरबीआई ने इस श्रेणी में पीएसएल लोन का दायरा बढ़ा दिया है.
रिन्यूएबल एनर्जी आधारित बिजली उत्पादन, पब्लिक यूटिलिटी, स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम और दूरदराज के गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए 35 करोड़ रुपये तक के लोन अब पीएसएल के तहत आएंगे.
व्यक्तिगत परिवारों के लिए, अब लोन सीमा प्रति उधारकर्ता 10 लाख रुपये होगी. रिपोर्ट में कहा गया है, “बैंक पहले से ही रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने के लिए आक्रामक रूप से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और इस कदम से इस सेक्टर में छोटे लोन के लिए और भी अधिक प्रतिस्पर्धा हो सकती है.”
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एबीएस/