ढाका, 20 अक्टूबर . स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, Monday सुबह तक 24 घंटों में डेंगू से चार और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही इस साल डेंगू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 249 हो गई.
यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने बताया कि इसी अवधि के दौरान वायरल बुखार के कारण 942 और मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 60,791 हो गई.
पिछले साल बांग्लादेश में कुल 575 लोगों की जान चली गई. इसी अवधि के दौरान, 101,214 डेंगू के मामले सामने आए, जबकि 100,040 लोग डेंगू से ठीक हुए.
16 सितंबर को डीजीएचएस ने डेंगू के मरीजों का इलाज सुनिश्चित करने के लिए Governmentी अस्पतालों के लिए नए निर्देश जारी किए. इन दिशानिर्देशों के अनुसार, बांग्लादेश के सभी अस्पतालों को डेंगू के इलाज के लिए समर्पित वार्ड स्थापित करने होंगे और एक विशेष चिकित्सा दल का गठन करना होगा. डीजीएचएस के निदेशक (अस्पताल एवं क्लिनिक) अबू हुसैन मोहम्मद मैनुल अहसन ने यह निर्देश जारी किया.
स्वास्थ्य महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने कहा कि अस्पतालों को डेंगू मरीजों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था करनी होगी. बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, अस्पतालों को एनएस-1 टेस्ट, आपातकालीन देखभाल और मरीजों के लिए पर्याप्त दवाओं की सुविधा सुनिश्चित करने को कहा गया है.
डेंगू मरीजों को अस्पताल में अलग वार्ड या कमरे में रखा जाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर आईसीयू को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. डॉक्टरों और नर्सों को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.
निर्देश में कहा गया कि डेंगू और चिकनगुनिया मरीजों के इलाज के लिए मेडिसिन, बाल रोग और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक समिति बनाई जाए. इस समिति की देखरेख में प्रशिक्षित डॉक्टर, मेडिकल ऑफिसर और रेजिडेंट्स मरीजों की देखभाल करेंगे.
इसी समिति और डॉक्टरों को अस्पताल के बाहरी रोगी विभाग में आने वाले संदिग्ध मरीजों का इलाज करना होगा.
इसके अलावा, अस्पताल निदेशकों को निर्देश दिया गया है कि वे शहर निगम या नगर पालिका को पत्र लिखकर अस्पताल परिसर के आसपास मच्छर उन्मूलन और सफाई अभियान चलाएं. साथ ही, हर Saturday को अस्पताल में निदेशक, अधीक्षक और सिविल सर्जन की अध्यक्षता में डेंगू समन्वय बैठक आयोजित की जाए.
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पीएसके