बांग्लादेश : भूख हड़ताल पर खुलना विश्वविद्यालय के छात्र, कुलपति के इस्तीफे की मांग

ढाका, 22 अप्रैल . बांग्लादेश में खुलना यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (केयूईटी) के 32 से अधिक छात्रों की भूख हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही. वह कुलपति मोहम्मद मसूद के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत फरवरी में हुई थी, जब केयूईटी में हिंसक झड़पें हुईं. इनमें 100 से ज़्यादा छात्र घायल हो गए थे.

अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं का समर्थन करने वाले छात्र संगठनों के बीच छात्र राजनीति पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर हिंसक टकराव हुआ.

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की छात्र शाखा जातीयोतावादी छात्र दल (जेसीडी) के नेताओं ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) और इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी की स्टूडेंट विंग बांग्लादेश छात्र शिबिर पर केयूईटी परिसर में हमले की शुरुआत करने का आरोप लगाया.

बाद में छात्रों ने कुलपति पर परिसर में हुई हिंसक झड़प के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.

स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि उन्हें सुरक्षा देने के बजाय प्रशासन ने 22 छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुमति दी और फिर 37 छात्रों को निलंबित कर दिया. स्डूटेंट्स का दावा है कि निलंबित किए गए अधिकांश छात्र हमले के पीड़ित थे.

फरवरी के अंत में, केयूईटी अधिकारियों ने अगली सूचना तक विश्वविद्यालय में सभी शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ सभी आवासीय हॉलों को बंद करने की घोषणा की.

एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, “हमारी एक ही मांग है – कुलपति का इस्तीफा. यह भूख हड़ताल तभी खत्म होगी जब यह मांग पूरी हो जाएगी.”

प्रमुख बांग्लादेशी समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून ने एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र के हवाले से बताया, “हमने ढाका में मुख्य सलाहकार के निवास पर एक ज्ञापन भी सौंपा. दो महीने बीत चुके हैं, हमें नजरअंदाज किया गया. यह सरकार छात्रों के खून से सत्ता में आई है. फिर भी यह स्टूडेंट्स की आवाज को सुनने से इनकार कर रही है.”

केयूईटी के छात्रों ने सोमवार दोपहर को कुलपति के इस्तीफे की एकमात्र मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी. इससे पहले कुलपति के इस्तीफे के लिए छात्रों ने 24 घंटों का अल्टीमेटम दिया था जो सोमवार को समाप्त हो गया.

13 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन तेज हो गया क्योंकि छात्रों ने हॉल को तुरंत खोलने और शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की मांग की. लेकिन अगले दिन, एक आपातकालीन सिंडिकेट बैठक के दौरान, केयूईटी अधिकारियों ने घोषणा की कि झड़प में शामिल 37 छात्रों को निलंबित कर दिया जाएगा. उन्होंने फैसला किया कि 2 मई को हॉल फिर से खुलेंगे और 4 मई को कक्षाएं फिर से शुरू होंगी.

हालांकि, छात्रों ने इस निर्णय को अस्वीकार कर दिया. बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट बीडीन्यूज24 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारी छात्रों ने छह पुरुष आवासीय हॉलों में तोड़फोड़ की.

एक छात्र प्रतिनिधि ने पिछले सप्ताह एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “कुलपति छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहे हैं, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से इनकार किया, पानी और इंटरनेट जैसी आवश्यक सेवाओं को काट दिया, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को समर्थन दिया, छात्रों को अनुचित तरीके से निलंबित किया – इसलिए अब हम कुलपति को हटाने की मांग करते हैं, जो हमारी एकमात्र मांग है.”

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