बांग्लादेश: एनसीपी ने चुनाव आयोग को बताया ‘कमजोर’

ढाका, 4 अगस्त . बांग्लादेश में आम चुनावों से पहले एक और विवाद खड़ा हो गया है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के चीफ कोऑर्डिनेटर नसीरुद्दीन पटवारी ने चुनाव आयोग (ईसी) को एक ‘कमजोर’ संस्था बताया है.

पटवारी ने अपने नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से चीफ इलेक्शन कमिश्नर एएमएम नसीरुद्दीन से मुलाकात के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.

बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ ने बैठक के बाद पटवारी के हवाले से लिखा, ” हम जितना ज्यादा चुनाव आयोग का अवलोकन करते हैं, उतना ही अधिक हम समझते हैं कि यह एक कमजोर संस्था है. ऐसा आयोग बांग्लादेश को लोकतंत्र की ओर ले जाने वाला है, लेकिन हम देखते हैं कि इसके अधिकांश सदस्य या तो सैन्य वर्दी में हैं या पार्टी के रंग में रंगे हुए हैं.”

नसीरुद्दीन पटवारी ने कहा कि चुनाव आयोग एक महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था है, जिसके रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का पालन पार्टी के सभी सदस्य कर रहे हैं.

एनसीपी नेता ने कहा, “हालांकि, हम जनता को यह भी बता रहे हैं कि समस्याएं कहां हैं. हमारे काम से लोग धीरे-धीरे समझ जाएंगे कि चुनाव आयोग में मजबूती की कमी है.”

यह दौरा एनसीपी सहित 144 नए राजनीतिक दलों के लिए चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन पूरा करने की अंतिम तिथि के साथ हुआ.

रिपोर्ट के मुताबिक देश के 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव के नजदीक आते ही, कुल 144 राजनीतिक दलों ने 22 जून तक चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है. हालांकि, प्रारंभिक समीक्षा के बाद, कोई भी आवेदन पूरी तरह से जरूरतों को पूरा नहीं करता था.

इसके बाद, आयोग ने एनसीपी सहित सभी दलों को आवश्यकताओं का पालन करने की अनुमति देने के लिए 15 दिनों का समय दिया. यह समय सीमा Sunday को समाप्त हो गई. अंतिम दिन, एनसीपी नेताओं ने चुनाव आयोग के पास जरूरी दस्तावेज जमा किए.

एनसीपी के संयुक्त सदस्य सचिव जहीरुल इस्लाम मूसा ने कहा, “चुनाव आयोग के अनुरोध और आंतरिक समीक्षा के आधार पर, हमने नए दस्तावेज जमा कर दिए हैं. उम्मीद है कि चुनाव आयोग अब हमारे रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के अगले चरण की ओर बढ़ेगा.”

ऐसा पहली बार नहीं, जब आम चुनावों की तैयारियों के बीच एनसीपी ने चुनाव आयोग की आलोचना की हो.

हाल ही में, एक रैली को संबोधित करते हुए, एनसीपी के चीफ ऑर्गनाइजर हसनत अब्दुल्ला ने निर्वाचन आयोग पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया था.

उन्होंने चुनाव आयोग के एक सदस्य की आपत्तियों के बाद एनसीपी को शापला (वाटर लिली) चुनाव चिह्न दिए जाने की भी आलोचना की और ऑनलाइन नॉमिनेशन प्रोसेस को लेकर संदेह जताया.

रैली के दौरान, वक्ताओं ने चुनाव आयोग में आमूल-चूल परिवर्तन की अपनी मांग भी दोहराई.

आरएसजी/केआर