मुंबई, 10 दिसंबर . बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ देशभर में गुस्से का माहौल है. ऐसे में बांग्लादेशी हिंदुओं की आवाज बनते हुए देशभर में प्रदर्शन जारी है.
इसको लेकर हर राज्य में लोग रैलियां निकाल रहे हैं. वहीं इस पर भारतीय भीकू संघ मुंबई के कार्याध्यक्ष भिक्कू विरन्तन महाथेरो ने से बात की.
अपने आंदोलन का जिक्र करते हुए भिक्कू विरन्तन महाथेरो ने कहा, ”इस आंदोलन से मैं दुनिया के तमाम हिंदू तमाम मानवाधिकार से जुड़े लोगों से निवेदन करता हूं, उनसे अपील करता हूं कि बांग्लादेश के अंदर देखो वहां हिंदुओं पर कितना अन्याय हो रहा है. वहां पर हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर जो अन्याय हो रहा है उसे आपको देखने की जरूरत है, क्योंकि वहां पर भी जो लोग रहते हैं, वह मनुष्य हैं.
आगे उन्होंने कहा, ”बांग्लादेश को स्वतंत्र करने के लिए उन लोगों ने भी आंदोलन में हिस्सा लिया है. वह लोग भी उस आंदोलन का एक हिस्सा रह चुके हैं तो उन लोगों को सही से वहां रहने दिया जाए. लेकिन, वहां की सरकार वहां के लोग बड़े पैमाने में उन लोगों पर हिंसा और अत्याचार कर रहे हैं, इसके खिलाफ हम लोगों ने एक मार्च निकाला है.
उन्हाेंने कहा कि एक भिक्षु संघ का एक शिष्टमंडल बांग्लादेश एंबेसी में जाएगा उनसे इस बारे में शांतिपूर्वक निवेदन करेगा.
इससे पहले बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के मामले में साध्वी ऋतंभरा ने हिंदुओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू महिलाओं, बच्चों, युवाओं, साधुओं, मंदिरों, मठों, घरों, दुकानों और उनकी रोजी-रोटी पर हो रहे अत्याचारों पर तत्काल ध्यान दिया जाए. वहां महिलाओं का अपमान हो रहा है, उनके साथ सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं और 80 साल की वृद्धाओं तक का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है. हिंदू होना कोई अपराध नहीं है. हिंदू समाज की करुणा, सहजता और सरलता को कायरता के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. हमारे पास ताकत है, लेकिन हम बांग्लादेश से गिड़गिड़ाकर कुछ नहीं मांग रहे हैं, हम उनसे सिर्फ यह कह रहे हैं कि अपनी सीमाएं समझें, क्योंकि अगर आप अत्याचार बढ़ाते हैं, तो परिणाम आपको ही भुगतने होंगे.”
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एमकेएस/जीकेटी