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ढाका, 4 सितंबर . बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत ने Thursday को हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2004 के कुख्यात ग्रेनेड हमले के सभी 49 आरोपियों को बरी कर दिया गया था. इनमें बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारीक रहमान और पूर्व राज्य मंत्री लुत्फ़ुज्ज़मान बाबर भी शामिल हैं.
Supreme court की इस छह सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश सैयद रफ़ात अहमद ने की. पीठ ने Government द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया. इससे पहले दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
21 अगस्त 2004 को ढाका के बंगबंधु एवेन्यू पर आयोजित अवामी लीग की रैली को निशाना बनाकर ग्रेनेड हमला किया गया था. उस समय रैली का नेतृत्व विपक्ष की नेता शेख हसीना कर रही थीं. हमले में 24 लोगों की मौत हुई थी और 500 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.
ट्रायल कोर्ट ने 2018 में बाबर समेत 19 लोगों को मौत की सजा और तारीक रहमान व अन्य 18 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके अलावा Police और सेना के 11 अधिकारियों को भी विभिन्न सजाएं दी गई थीं.
अवामी लीग ने आरोप लगाया कि यह हमला बीएनपी प्रमुख खालिदा जिया के पुत्र तारीक रहमान की साजिश के तहत किया गया था. पार्टी ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य हसीना की हत्या करना और बांग्लादेश की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और 1971 के मुक्ति संग्राम की भावना को खत्म करना था.
पार्टी के अनुसार हमले में सैन्य स्तर के ग्रेनेड इस्तेमाल किए गए थे, जिससे न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता बल्कि मीडिया के कई पत्रकार भी घायल हुए. आज भी कई पीड़ित नेता, कार्यकर्ता और समर्थक गंभीर पीड़ा झेल रहे हैं.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद social media पर व्यापक आक्रोश देखा गया था और अब सर्वोच्च अदालत द्वारा उस फैसले को बरकरार रखने से Political हलकों में चर्चा तेज हो गई है.
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डीएससी/