बांग्लादेश: जुलाई चार्टर पर अंतिम सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए तैयार सर्वसम्मति आयोग

ढाका, 8 अक्टूबर . बांग्लादेश के राष्ट्रीय सहमति आयोग (एनसीसी) ने Wednesday को घोषणा की कि आयोग 10 अक्टूबर तक अंतरिम Government को अपनी अंतिम सिफारिशें सौंप देगा.

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन सिफारिशों का उद्देश्य Political दलों को 16 अक्टूबर तक “जुलाई राष्ट्रीय चार्टर 2025” पर हस्ताक्षर करने में सक्षम बनाना है. यह प्रक्रिया देश में Political स्थिरता और लोकतांत्रिक सुधारों को दिशा देने में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

एनसीसी के उपाध्यक्ष अली रियाज ने Wednesday दोपहर ढाका स्थित विदेश सेवा अकादमी में जुलाई चार्टर के कार्यान्वयन पर आयोजित आयोग की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी. बैठक में विभिन्न Political दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) के अनुसार, रियाज ने कहा, “आयोग 10 अक्टूबर तक Government को अपनी अंतिम सिफारिशें सौंप देगा. 15 और 16 अक्टूबर को Political दलों द्वारा जुलाई राष्ट्रीय चार्टर पर औपचारिक हस्ताक्षर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.”

उन्होंने आगे कहा कि Political दलों द्वारा दर्ज किए गए “असहमति के नोट” पर भी विचार किया जाना आवश्यक है. रियाज ने कहा, “जुलाई राष्ट्रीय चार्टर में जिन बिंदुओं पर असहमति जताई गई है, उन पर ध्यानपूर्वक विचार किया जाएगा. हमें नहीं लगता कि सभी असहमति वाले मुद्दों को एक समान तरीके से देखा जा सकता है, क्योंकि हर दल ने अपने दृष्टिकोण से ऐसे नोट प्रस्तुत किए हैं. ये केवल Political हितों का नहीं, बल्कि व्यापक जनभावनाओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं.”

एनसीसी उपाध्यक्ष ने आगे कहा कि जब देश में जनमत संग्रह के माध्यम से इस चार्टर पर सहमति प्राप्त की जाएगी, तब यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि जनता को सभी मतभेदों की जानकारी स्पष्ट रूप से हो. उन्होंने कहा, “जब लोग अपनी सहमति दें, तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि किन मुद्दों पर विभिन्न Political दलों की आपत्तियां हैं.”

बैठक में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), जमात-ए-इस्लामी, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) सहित करीब 30 Political दलों ने हिस्सा लिया. इन दलों ने जुलाई राष्ट्रीय चार्टर के कार्यान्वयन की प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने के लिए विस्तृत चर्चा की.

इससे पहले जुलाई महीने में देश में चल रही Political अनिश्चितता और अस्थिरता के बीच 30 Political दलों और एनसीसी के बीच चर्चा का दूसरा चरण शुरू हुआ था. उस दौरान कई दलों, विशेष रूप से जमात, एनसीपी और इस्लामी आंदोलन ने जुलाई राष्ट्रीय चार्टर के मसौदे पर आपत्ति जताई थी.

इन दलों ने विशेष रूप से उस प्रावधान का विरोध किया था, जिसके तहत राष्ट्रीय चुनावों के बाद बनने वाली Government को दो वर्षों के भीतर सुधार प्रस्तावों को लागू करना होगा. साथ ही उन्होंने यह मांग भी रखी कि जुलाई चार्टर को केवल एक Political संधि न बनाकर कानूनी ढांचे में शामिल किया जाए, ताकि इसके कार्यान्वयन की सुनिश्चितता हो सके.

एएसएच/एबीएम