बांग्लादेश में सड़कों पर संघर्ष, बीएनपी के दो गुट भिड़े, अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार के पिता घायल

ढाका, 31 मार्च . बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण सलाहकार महफूज आलम के पिता पर उनके गांव, लक्ष्मीपुर के रामगंज उपजिला में हमला हुआ. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) समर्थक दो इकाइयों के बीच गुटीय संघर्ष के दौरान कथित तौर पर यह घटना घटी.

परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि शुक्कुर अली ने सलाहकार के पिता अजीजुर रहमान बच्चू पर हमले का नेतृत्व किया. रहमान इच्छापुर यूनियन में बीएनपी यूनिट के संगठन सचिव के रूप में भी काम कर रहे हैं.

शुक्कुर अली बीएनपी की स्टूडेंट विंग ‘छात्र दल’ के पूर्व नेता और स्वेच्छा सेवक दल यूनियन इकाई के अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार है.

रहमान ईंटों से वार किया गया. उनके के हाथ में चोटें आईं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. इस घटना में उनका एक रिश्तेदार भी घायल हो गया.

प्रमुख बांग्लादेशी दैनिक ‘प्रथम आलो’ से बात करते हुए सलाहकार मफूज आलम के बड़े भाई महबूब आलम ने कहा कि झड़प तब हुई जब बीएनपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के दो अलग-अलग ग्रुप मेहदी हसन को रविवार शाम को क्षेत्र में लौटते समय हिरासत में लेने रवाना हुए.

हसन प्रतिबंधित अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) की जिला इकाई के अध्यक्ष हैं.

एक समय ऐसा आया जब बीसीएल नेता के बारे में अंतिम फैसले को लेकर दोनों समूहों के बीच कहासुनी हो गई और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई शुरू हो गई.

ग्रामीणों ने दोनों गुटों के बीच लड़ाई को रोकने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों के साथ भी उनकी झड़प हुई.

इस बीच अजीजुर रहमान जब झड़प को रोकने के लिए आगे आए, तो छात्र दल और स्वेच्छा सेवक दल के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया.

रामगंज थाने के प्रभारी अधिकारी अबुल बशर ने रविवार को बताया, “छात्र दल और स्वेच्छा सेवक दल के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हुआ. एक समय तो झड़प भी हो गई. अजीजुर रहमान ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की. लेकिन, उनसे नाराज होकर एक गुट ने उन पर हमला कर दिया.”

इस घटना से नाराज छात्रों ने रविवार रात रामगंज कस्बे में विरोध मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों ने हमले में शामिल लोगों के लिए कड़ी सजा की मांग की.

हाल के आंकड़ों से पता चला है कि बीएनपी में गुटीय झड़पें जारी हैं, जिसके कारण इसके कई पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौत हो गई है.

अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली मौजूदा अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति और भी खराब हो गई है.

खालिदा जिया की बीएनपी ने छात्र नेताओं और मुहम्मद यूनुस के साथ मिलकर अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया. हालांकि, तब से, बीएनपी के भीतर गहरी दरारें दिखाई देने लगी हैं, जिसके कारण इसके कई शीर्ष नेता मारे गए.

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