‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक जारी, सूचना मंत्रालय की कमेटी ने दिए 6 बदलाव के सुझाव

New Delhi, 21 जुलाई . राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर Supreme court ने रोक बरकरार रखी है. इसके अलावा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने फिल्म में छह बदलाव करने के सुझाव दिए हैं.

Supreme court ने केंद्र सरकार को इन सुझावों की कॉपी याचिकाकर्ताओं को सौंपने और अगली सुनवाई 24 जुलाई को करने का निर्देश दिया है. तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक जारी रहेगी.

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर गठित जांच कमेटी ने फिल्म के डिस्क्लेमर में बदलाव, वॉयस ओवर जोड़ने और कुछ क्रेडिट फ्रेम हटाने की सलाह दी है. इसके अलावा, सऊदी अरब में इस्तेमाल होने वाली पगड़ी के एआई-जनरेटेड सीन में बदलाव, नूपुर शर्मा के प्रतीकात्मक नाम ‘नूतन शर्मा’ को हटाकर नया नाम इस्तेमाल करने और उनके डायलॉग “मैंने तो वही कहा है जो उनके धर्म ग्रंथों में लिखा है” को हटाने का सुझाव दिया गया है. साथ ही, बलूची समुदाय से जुड़े तीन डायलॉग भी हटाने को कहा गया है, जिनमें “हाफिज, बलूची कभी वफादार नहीं होता”, “मकबूल बलूची की… अरे क्या बलूची, क्या अफगानी, क्या हिंदुस्तानी, क्या पाकिस्तानी” जैसे डायलॉग शामिल हैं.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने Supreme court में बताया कि केंद्र सरकार ने इन सुझावों के साथ आदेश जारी कर दिया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे केंद्र के फैसले की कॉपी देखने के बाद अगली सुनवाई में मामले पर विचार करेंगे.

‘उदयपुर फाइल्स’ 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल साहू की हत्या पर आधारित है, फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने 50 से ज्यादा कट के साथ मंजूरी दी थी, लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है. Supreme court ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अगली तारीख तय की है.

‘उदयपुर फाइल्स’ में विजय राज, रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म 11 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी. हालांकि, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दायर कर दावा किया कि फिल्म का कंटेंट सांप्रदायिक तनाव भड़का सकता है.

एमटी/एएस