चेन्नई, 27 जुलाई . दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रभाव से कावेरी बेसिन में भारी बारिश के कारण कर्नाटक के प्रमुख जलाशय काबिनी और कृष्णराज सागर (केआरएस) के जलस्तर में तेज वृद्धि हुई है. इससे पानी ओवर ओवरफ्लो होकर बह रहा है. इस स्थिति में संरचनात्मक सुरक्षा बनाए रखने के लिए अधिकारियों ने दोनों बांधों के फ्लडगेट खोल दिए हैं और कावेरी नदी में बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कबिनी बांध से 21 हजार क्यूसेक और केआरएस बांध से 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इस तरह कुल 44 हजार क्यूसेक पानी कावेरी नदी में छोड़ा गया.
यह भारी जलप्रवाह अब तमिलनाडु में बिलीगुंडली के अंतरराज्यीय सीमा बिंदु से होकर प्रवेश कर रहा है, जिससे धर्मपुरी जिले के होगेनक्कल में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. Friday को होगेनक्कल में जल प्रवाह 18 हजार क्यूसेक था, जो अगले 24 घंटों में लगातार बढ़ता गया. Saturday शाम 6 बजे तक, प्रवाह बढ़कर 32 हजार क्यूसेक हो गया. Sunday सुबह तक, यह और भी तेज बढ़कर 57 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया.
नदी के जलस्तर में इस उल्लेखनीय वृद्धि के कारण होगेनक्कल के मुख्य झरने, सिनेप्लस और ऐंथरवु में बहाव बहुत तेज है. पानी चट्टानों पर तेजी से उछल रहा है, जिससे दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए आकर्षित हो रहे हैं.
हालांकि, जन सुरक्षा के हित में जिला प्रशासन ने लगातार दूसरे दिन भी पर्यटकों के झरनों में स्नान करने पर प्रतिबंध लगाया है.
यह प्रतिबंध इस आशंका के बीच लगाया गया है कि आने वाले घंटों में जलस्तर और बढ़ सकता है, क्योंकि कर्नाटक अपने बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ता जा रहा है.
केंद्रीय जल संसाधन विभाग के अधिकारी तमिलनाडु-कर्नाटक सीमा पर स्थित प्रमुख माप बिंदु बिलिगुंडलु में नदी के प्रवाह पर कड़ी नजर रख रहे हैं.
लगातार मानसूनी बारिश के कारण ऊपरी जलस्तर में कमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं, इसलिए निचले इलाकों में बाढ़ संबंधी आपात स्थितियों की आशंका के चलते अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं. जिला अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से नदी के किनारों से दूर रहने और स्थिति सामान्य होने तक जलाशयों में जाने से बचने का आग्रह किया है.
–
डीसीएच/केआर