ग्रेटर नोएडा, 14 फरवरी . ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अनुमति के बिना फुटओवर ब्रिज की जगह बदलकर अर्थ एसईजेड और निजी अस्पताल के सामने बनाने की घटना को सीईओ एनजी रवि कुमार ने गंभीरता से लिया है. सीईओ ने फुटओवर ब्रिज के निर्माण पर तत्काल रोक लगाते हुए जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट भी मांगी है. अब तक जितना निर्माण हो चुका है, उसे भी तोड़ने के निर्देश दिए हैं.
सीईओ ने संबंधित काॅन्ट्रैक्टर को नोटिस जारी कर ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कार्य में लापरवाही मानते हुए इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा वासियों की सुविधा को देखते हुए सीईओ एनजी रवि कुमार ने जरुरत के हिसाब से सभी सार्वजनिक जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनाने के निर्देश दिए हैं. इनमें से ही एक फुटओवर ब्रिज ग्रेटर नोएडा वेस्ट में निराला एस्टेट और सुपरटेक ईको विलेज के पास बनाया जाना था, लेकिन काॅन्ट्रैक्टर ने प्राधिकरण से अनुमति के बिना लोकेशन बदल दिया. कान्ट्रैक्टर निराला एस्टेट के पास वाले एफओबी को अर्थ एसईजेड के पास और सुपरटेक ईको विलेज को निजी अस्पताल के पास बनाने लगा.
इसकी सूचना सीईओ तक पहुंची. उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और दोनों फुटओवर ब्रिज का काम तत्काल रुकवा दिया. सीईओ ने एक कमेटी बनाकर इसकी जांच कराने और नोटिस जारी कर ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कार्य में लापरवाही मानते हुए इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है.
सीईओ ने ग्रेटर नोएडावासियों से सर्वाधिक जरुरत वाली जगहों की लोकेशन पर सुझाव देने की अपील की है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कुल 8 जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनवा रहा है. ये 8 फुटओवर ब्रिज सूरजपुर-कासना रोड पर कैलाश अस्पताल के सामने, गामा शॉपिंग काॅम्प्लेक्स के सामने, ओमेगा शॉपिंग काॅम्प्लेक्स, दुर्गा टाॅकिज जंक्शन, कलेक्ट्रेट के सामने, ग्रेनो वेस्ट में एक मूर्ति गोलचक्कर, निराला एस्टेट टाउनशिप के सामने और सुपरटेक ईको विलेज के सामने बनने हैं. इन 8 में से पांच जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए कंपनियों का चयन कर लिया गया है.
ये पांच फुटओवर ब्रिज ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर-कासना रोड पर कैलाश अस्पताल के सामने, गामा शॉपिंग काॅम्प्लेक्स के सामने और ग्रेनो वेस्ट में एक मूर्ति गोलचक्कर, निराला एस्टेट टाउनशिप के सामने और सुपरटेक ईको विलेज के सामने बनेंगे. इनमें से एक मूर्ति गोलचक्कर के पास फुटओवर ब्रिज का निर्माण जल्द पूरा भी होने वाला है. अन्य ब्रिज बनने हैं. पीपीपी के अंतर्गत डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ट, फंड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के पैटर्न पर बनने वाले इन पांच फुटओवर ब्रिज से प्राधिकरण को हर माह करीब 9 लाख रुपये की आमदनी भी होगी.
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पीकेटी/एबीएम