असम में गोमांस पर प्रतिबंध सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने का अनूठा प्रयास : दिलीप सैकिया

नई दिल्ली, 5 दिसंबर . असम सरकार ने बुधवार को रेस्तरां, होटल, सार्वजनिक समारोहों और अन्य सामुदायिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया.

दिलीप सैकिया ने कहा कि इसे एक ऐतिहासिक निर्णय कहा जा सकता है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से असम की राजनीति में गोमांस एक व्यापक बहस का विषय बना हुआ था. असम में विधानसभा उपचुनाव के दौरान एक विधानसभा में भाजपा के ऊपर लांछन लगाया गया था कि उसने बीफ खिलाकर लोगों का मत प्राप्त किया है जो बेबुनियाद आरोप थे. भाजपा और बीफ दोनों का एक-दूसरे से कोई मेल नहीं है.

उन्होंने कहा, “सार्वजनिक स्थानों पर चिकन बिरयानी के नाम पर बीफ बिरयानी खिलाने वालों के खिलाफ असम सरकार कदम उठाएगी. गौ माता के प्रति भारतीय सनातन संस्कृति में बहुत बड़ी श्रद्धा है. गौ संवर्धन हम सबकी जिम्मेदारी है. यह एक प्राकृतिक दायित्व भी है. इसलिए, आज असम कैबिनेट ने जो फैसला लिया है, वह किसी धर्म और मजहब के ऊपर आघात नहीं है, यह भारतीय सनातन संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने का एक अनूठा प्रयास है. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं.”

वहीं, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, “देश में एक बड़ा समुदाय गायों के प्रति बहुत सम्मान रखता है और उनकी पूजा करता है. इसलिए प्रतिबंध लगाया गया है. गोहत्या पर केवल एक राज्य में नहीं बल्कि पूरे देश में प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. असम के मुख्यमंत्री इतने लंबे समय से पद पर हैं, असम में अब तक प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया? अचानक मुख्यमंत्री को यह कैसे ख्याल आया और प्रतिबंध लागू कर दिया गया?”

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा, “पूरा देश असम सरकार के इस कदम का स्वागत करता है और हम उम्मीद करते हैं कि अन्य राज्य भी इसका पालन करेंगे.”

एकेएस/एकेजे