जयपुर, 6 जनवरी . भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने महाकुंभ मेले के महत्व और सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं को शानदार बताया. उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ का आयोजन एक ऐतिहासिक अवसर है. 12 साल बाद यह महाकुंभ संगम में हो रहा है और यह लाखों संतों के दर्शन और त्रिवेणी संगम में स्नान करने का अद्भुत मौका है. केवल भारत से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से लोग इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए पहुंचेंगे.
बालमुकुंद आचार्य ने से बात करते हुए कहा कि यह अवसर न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे हर सनातनी के लिए एक श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है. कुंभ के महापर्व में स्नान और संतों के दर्शन करने से लोग जीवन में आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. यह पर्व अनादिकाल से हमारे संस्कृति का हिस्सा है और इसे जगतगुरु शंकराचार्य ने अपने समय में विशेष रूप से बढ़ावा दिया था. आध्यात्मिक दृष्टि से, यह कल्पवास का समय है, जो महाकुंभ में विशेष महत्व रखता है. कई संत हिमालय की गुफाओं में तप और भजन करते हैं, लेकिन जब महाकुंभ का आयोजन होता है, तो वे संगम में आकर स्नान करते हैं और पवित्र जल का लाभ उठाते हैं.
अर्ध कुंभ और फिर पूर्ण कुंभ के आयोजन के बीच यह महाकुंभ है, जो बारह वर्षों के बाद त्रिवेणी संगम में स्नान और लाखों संतों के दर्शन का अद्भुत अवसर प्रदान करता है. यह हर सनातनी के लिए सौभाग्य की बात है कि वह इस महाकुंभ में हिस्सा ले सकता है. देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से लोग कुंभ स्नान और संतों का दर्शन करने के लिए आते हैं, और यह हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि कुंभ मेला में इस बार की व्यवस्थाएं पूरी तरह से बदली हुई हैं. बचपन से मैं खुद कुंभ आता था, लेकिन इस बार जो व्यवस्थाएं बनाई गई हैं, वह पहले कभी नहीं देखी गईं. कुंभ के दौरान पहले यात्रियों को लूटा जाता था और व्यवस्था में खामियां रहती थीं. वहीं, अब ऑनलाइन सुविधाएं, सुरक्षा, और प्रशासन की मुस्तैदी के साथ एक नए शहर की तरह कुंभ को व्यवस्थित किया गया है. इस बार कुंभ में कई नए बदलाव किए गए हैं. प्रशासन और स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल और बीजेपी के कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रहे हैं. इस बार के कुंभ में एकता और अखंडता का भी विशेष संदेश दिया जा रहा है. सभी लोग सामूहिक रूप से स्नान और दर्शन कर रहे हैं, जो भारत की एकता का प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह संदेश दिया जा रहा है कि हम सब एक परिवार हैं और हमें मिलकर अपने राष्ट्र को उन्नति की ओर ले जाना है.
बालमुकुंद आचार्य ने कुंभ मेले के आर्थिक दृष्टिकोण पर भी बात करते हुए कहा कि कुंभ में लाखों लोग आएंगे और इससे न केवल आध्यात्मिक लाभ होगा बल्कि व्यापार भी बढ़ेगा. व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे फूल, पूजा सामग्री, वस्त्र, भोजन, भंडारे, घोड़े-गाड़ियां, यातायात व्यवस्था और कई अन्य व्यापारिक गतिविधियां संचालित होंगी. यह व्यापारिक दृष्टि से भी कुंभ मेला एक आर्थिक बूम पैदा करेगा, जिससे लाखों लोगों को रोजगार और व्यापार का फायदा मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि कुंभ मेले में जो व्यवस्थाएं की गई हैं, उनका उदाहरण मैंने खुद अपने जीवन में देखा है. 2012 में मैंने भी एक कैंप लगाया था, लेकिन इस बार की व्यवस्थाएं कहीं अधिक बेहतर और सुव्यवस्थित हैं. यह सब बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के प्रयासों का परिणाम है. इस बार कुंभ सिर्फ एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक बदलाव का भी प्रतीक है. यह कुंभ मेले का आयोजन हमें यह दिखाता है कि भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं के साथ विश्व में फिर से प्रमुख स्थान हासिल कर रहा है. यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संभव हो पाया है, जिन्होंने भारत को फिर से दुनिया का गुरु बनाने की दिशा में काम किया है.
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पीएसके/