New Delhi, 13 सितंबर . सुशीला कार्की ने Friday को नेपाल की अंतरिम Prime Minister के तौर पर शपथ ली. इस बीच काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने अपने ट्विटर हैंडल पर जेन-जी के नाम एक भावुक संदेश लिखा.
काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने एक्स अकाउंट पर लिखा, “प्रिय जनरेशन-जी, आपके योगदान और बलिदान ने देश को बदल दिया है. वीर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि. आपका योगदान अमूल्य है, जो आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और कर्तव्यबोध की ओर सदैव प्रेरित करता रहेगा. आपके प्रति अपार सम्मान है. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.”
बालेन शाह एक ऐसे शख्स हैं, जो किसी सियासी पार्टी से नहीं जुड़ा, उनके पास न तो कोई संगठन और न ही कोई राजनीतिक अनुभव था. जब नेपाल में जेन-जी का आंदोलन हुआ, तो social media पर लोगों ने अपील करनी शुरू कर दी कि वह मेयर पद से इस्तीफा देकर नेतृत्व करें. भले ही बालेन शाह इस आंदोलन का समर्थन कर रहे थे, लेकिन सड़क पर नहीं उतरे.
बालेन अपने स्टाइल, काले चश्मे और अपने गाने के चलते भी युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं. राजनीति में बहुत बड़ा चेहरा नहीं होने के बावजूद उनके भाषण लोगों को प्रेरित करते हैं. यहां तक कि उत्तर भारत के प्रमुख शहरों में काम करने वाले नेपाली लोगों के बीच भी बालेन की लोकप्रियता के किस्से सुनने को मिल जाते हैं. बालेन खुद भी एक युवा हैं और जेन जी आंदोलन में उनकी आकर्षक शख्सियत ने भी उन्हें लोकप्रियता दी. बालेन शाह एक संगीत प्रेमी हैं, जिन्हें टोपियों का बेहद शौक है.
नेपाल के लोकप्रिय रैपर बालेन शाह मई 2022 में पहली बार नेपाल की राजधानी काठमांडू के मेयर बने थे. उन्होंने नेपाली कांग्रेस की सृजना सिंह को भारी अंतर से हराया था. इस चुनाव में बालेन शाह को 61,767 वोट मिले, जबकि सृजना सिंह ने 38,341 वोट हासिल किए थे.
27 अप्रैल 1990 को काठमांडू के गैर गाउन में जन्मे बालेन ने करीब 32 साल की उम्र में इस कुर्सी को संभाला.
काठमांडू के व्हाइट हाउस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बालेन शाह ने कर्नाटक के विश्वेश्वरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. रैपर, एक्टर, म्यूजिक प्रोड्यूसर, गीतकार और कवि बालेन शाह पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे. उन्होंने साल 2022 में नेपाल के स्थानीय चुनाव से राजनीतिक सफर का आगाज किया.
बता दें कि नेपाल में social media पर बैन के कारण देशव्यापी आंदोलन के चलते केपी शर्मा ओली सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था. इसी के साथ कई दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता का अंत हो गया. अधिकारियों ने दैनिक जीवन धीरे-धीरे सामान्य करने के लिए Saturday को काठमांडू घाटी और नेपाल के अन्य हिस्सों में लागू कर्फ्यू और प्रतिबंधात्मक आदेश हटा लिए हैं.
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आरएसजी/एएस