रांची, 27 सितंबर . मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में जेल में बंद झारखंड के दो निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और छवि रंजन को कोर्ट से झटका लगा है. अलग-अलग अदालतों ने शुक्रवार को दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी.
रांची में सेना की जमीन से जुड़े घोटाले के आरोपी पूर्व डीसी छवि रंजन ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस एचसी शर्मा की कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. इसके पहले हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी. छवि रंजन को ईडी ने 5 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ ईडी में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दो केस दर्ज हैं.
रांची के चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की फर्जी कागजात के आधार पर खरीद-बिक्री मामले में संलिप्तता के एक केस में उन्हें झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन बरियातू में सेना के कब्जे वाली करीब साढ़े चार एकड़ जमीन की हेराफेरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के दूसरे केस में जमानत नहीं मिल पाने से वह फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.
रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी. पूजा सिंघल को झारखंड के खूंटी में मनरेगा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. इस मामले में सिंघल सहित सात आरोपियों के खिलाफ ईडी चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है.
चार्जशीट में एजेंसी ने बताया है कि खूंटी, चतरा और पलामू में डीसी रहते हुए सिंघल के बैंक अकाउंट में उनकी सैलरी से 1.43 करोड़ रुपए अधिक पाए गए. फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच खूंटी जिले में सिंघल के उपायुक्त रहते हुए मनरेगा में बड़ा घोटाला हुआ था. इस मामले में ईडी ने उनके आवास सहित विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान उनके पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार के आवास से 20 करोड़ नकद बरामद हुए थे.
जेल भेजे जाने के बाद झारखंड सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था. कोर्ट ने उन्हें पुत्री के इलाज के लिए कुछ दिनों के लिए जमानत दी थी, लेकिन बाद में उन्हें फिर सरेंडर करने का आदेश दिया गया था. इसके बाद सिंघल ने 12 अप्रैल 2023 को रांची ईडी की विशेष कोर्ट में सरेंडर किया था. उस समय से वह रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने पूर्व में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत के लिए याचिकाएं दायर की थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिल पाई.
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एसएनसी/एबीएम