गुवाहाटी, 11 फरवरी . असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बदरुद्दीन अजमल “महिलाओं के प्रति सम्मान नहीं दिखाते”.
नागांव जिले में एक समारोह में सरमा ने कहा : “अजमल महिलाओं के प्रति सम्मान नहीं दिखाते हैं. वह महिलाओं को सिर्फ मशीन की तरह मानते हैं, जो बच्चों को जन्म देती हैं. एआईयूडीएफ नेता उन्हें केवल बुर्के के पीछे रखना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा, “जब अजमल को श्रीमंत शंकरदेव संघ के कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है, तो मैं पूरी रात सो नहीं पाता. वह शंकरदेव के सिद्धांतों का अनुयायी नहीं है और मैं संघ के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब तक असम में भाजपा सरकार रहेगी, आपको फंडिंग के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में अजमल को श्रीमंत शंकरदेव संघ के कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए.
इससे पहले अजमल ने यह कहकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि मुस्लिम पुरुष कानून के अनुसार 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने के तुरंत बाद शादी कर लेते हैं, जबकि हिंदू कम से कम तीन महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखने के लिए 40 वर्ष की आयु तक खुद को अविवाहित रखते हैं. यही कारण है कि आजकल हिंदुओं के कम बच्चे होते हैं.
अजमल ने कहा था, “हिंदू 40 साल की उम्र के बाद शादी करते हैं. अगर वे इतनी देर से शादी करेंगे तो उनके बच्चे कैसे होंगे? जब आप केवल उपजाऊ भूमि पर बुआई करते हैं, तो आप अच्छे परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं.”
उन्होंने हिंदुओं को सलाह दी कि वे शादी करने के लिए उसी फॉर्मूले का पालन करें जैसा मुसलमान करते हैं.
एआईयूडीएफ नेता ने कहा कि अगर हिंदू लड़कियां 18-20 साल की उम्र में पुरुषों से शादी करती हैं, तो वे अच्छी संख्या में बच्चे पैदा कर सकती हैं.
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एसजीके/