झारखंड सचिवालय में ईडी की तलाशी पर बोले बाबूलाल, सरकार ने भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड तोड़ने की कसम खा रखी है

रांची, 9 मई . झारखंड के पूर्व सीएम और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सचिवालय स्थित दफ्तर में ईडी द्वारा ली गई तलाशी के घटनाक्रम को लेकर राज्य की सरकार और टॉप ब्यूरोक्रेसी पर निशाना साधा है.

उन्होंने कहा है कि ईडी की टीम आखिरकार भ्रष्टाचार के उद्गम स्थल, भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों के ‘सेफ हाउस’ झारखंड मंत्रालय तक पहुंच ही गई. कल की कार्रवाई भले ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े मामले में हुई है, लेकिन ईडी के दस्तक भर से मंत्रालयों में बैठकर पिछले पांच सालों से भ्रष्टाचार का सिंडिकेट चला रहे लोगों की हालत पतली हो गई है.

पूर्व सीएम ने कहा कि ईडी की तलाशी को लेकर राज्य के चीफ सेक्रेटरी द्वारा डीजीपी को तलब किया जाना दर्शाता है कि दाल में कुछ काला नहीं है, बल्कि पूरी दाल ही काली है.

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “मुख्य सचिव हड़बड़ी करने की बजाय ये बताएं कि उनका गोपनीय पत्र नोटों के पहाड़ के बीच कैसे पहुंचा? लगातार आगाह करने के बावजूद कुछ अधिकारी भ्रष्ट गतिविधियों से बाज नहीं आ रहे हैं तो एक बार अपने कुनबे के साथी पूजा सिंघल और छवि रंजन का हश्र देख लें!“

मरांडी ने कहा कि इस जेएमएम-कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ने की कसम खा रखी है, तो अब ये अधिकारियों के विवेक पर निर्भर है कि उन्हें सोरेन परिवार की चरण वंदना करते हुए भ्रष्टाचार में सहभागी बनना है या झारखंड को विकसित बनाना है.

सोशल मीडिया एक्स पर अपने एक अन्य पोस्ट में भाजपा नेता ने राज्य के सीएम चंपई सोरेन और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पर निशाना साधते हुए लिखा, “बढ़िया है. कुछ बेईमान अफसरों, दलालों के साथ मिलकर गरीबों को लूटिए और लुटवाइये. प्रोजेक्ट बिल्डिंग ( सरकारी सचिवालय) में एक फ्लोर नोट का भंडार छिपाने के लिए नोटखाना बना दीजिये. और फिर देश की एजेंसियां विधिवत सर्च वारंट के साथ वहां जाकर, छापेमारी कर पाप का खजाना और उसके सबूत जुटाने जाए तो राज्य की पुलिस से जांच करने से रुकवाए, बाधा डालिए.“

पूर्व सीएम ने कहा कि झारखंड भी देश के कानून और कोर्ट-कचहरी से चलता है. देश की एजेंसियों का काम ही देश के किसी भी कोने में जाना और तहख़ाने में छिपाये गये काला धन को बरामद कर बेईमानों को जेल भेजना है, चाहे वो मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो या संतरी हो.

एसएनसी/