रांची, 16 जून . झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता को बरकरार रखे जाने पर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है.
उन्होंने कहा है कि अनुराग गुप्ता असंवैधानिक तरीके से इस पद पर काम करते हुए तुगलकी आदेश दे रहे हैं और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी ही गलती की वजह से उनके आगे बेबस हो चुके हैं.
मरांडी ने कहा है कि अखिल भारतीय सेवा नियमावली के अनुसार, अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को रिटायर हो चुके हैं. उन्हें कोई सेवा विस्तार भी नहीं मिला, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें इस पद पर अवैध तरीके से बनाए रखा है. स्थिति यह है कि अब किसी गलती के लिए अनुराग गुप्ता न तो सस्पेंड किए जा सकते हैं और न ही उन पर कोई विभागीय कार्रवाई लागू होती है. रिटायरमेंट की वजह से उनका वेतन भी बंद हो चुका है.
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ”पुलिस विभाग के सारे तुगलकी आदेश अनुराग गुप्ता ही दे रहे हैं. सिपाहियों तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे ले-देकर हो रही है? पता कर लीजिए.”
मरांडी ने आरोप लगाया है कि डीजीपी पद पर असंवैधानिक तरीके से बैठे अनुराग गुप्ता ने 10 जून को आठ आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त पदों का प्रभार सौंपने का आदेश जारी कर दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री से इसकी स्वीकृति तक नहीं ली.
नेता प्रतिपक्ष ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि राज्य के गृह विभाग ने अनुराग गुप्ता के आदेश को रद्द कर उनसे ‘स्पष्टीकरण’ मांगा है. इस पर उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से पूछा, ”आप स्पष्टीकरण किससे मांग रहे हैं? उस व्यक्ति से जिसे आप नियमों के दायरे में ला ही नहीं सकते? जब वे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी रहे ही नहीं तो जाहिर है वो अखिल भारतीय सेवा के नियम को क्यों मानेंगे? ये बात आपको कैसे समझ में नहीं आ रही मुख्यमंत्री जी?”
मरांडी ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए आगे लिखा, ”आपकी चुप्पी और बेबसी क्या दर्शाती है? या तो आपको पता नहीं, या आप पूरी तरह अयोग्य हैं. या फिर आपको सब पता है कि इस हालात के लिए आप स्वयं दोषी हैं. यह कौन नहीं जानता है कि झारखंड के कुछ बेलगाम अफसर अब संविधान से नहीं, सत्ता के साथ ‘नेटवर्क’ से चलते हैं.”
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एसएनसी/एबीएम