New Delhi, 6 जुलाई . बाबू जगजीवन राम की Sunday को 39वीं पुण्यतिथि है. ‘दलितों के मसीहा’ और हरित क्रांति के अग्रदूत माने जाने वाले पूर्व उप Prime Minister को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने श्रद्धांजलि दी.
खड़गे ने आधिकारिक एक्स हैंडल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, “समाज के कमजोर, शोषित एवं पिछड़े वर्गों के न्याय के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले देश के पूर्व उपPrime Minister, समता के महानायक, बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. सामाजिक न्याय और देश के कल्याण के लिए उनके द्वारा किया गया संघर्ष सदैव स्मरणीय रहेगा.”
Rajasthan के पूर्व Chief Minister अशोक गहलोत ने बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि पर लिखा, “देश के पूर्व उप Prime Minister बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. शोषितों, वंचितों तथा कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए उनका जीवन पर्यंत संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है.”
वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पोस्ट में लिखा, “महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कुशल प्रशासक एवं सामाजिक न्याय हेतु आजीवन संघर्षरत रहे पूर्व उप Prime Minister, श्रद्धेय बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि.”
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्र की सेवा और समाज के शोषित-वंचित वर्ग के कल्याण के लिए आपके द्वारा किए गए कार्य हम सभी को सदैव प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे.
उत्तराखंड के Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “महान स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय के पुरोधा बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि पर सादर नमन. लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और समतामूलक समाज के निर्माण हेतु समर्पित आपका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है.”
बता दें कि बाबू जगजीवन राम ने अपना पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया. उनका मानना था कि समाज तभी प्रगति कर सकता है, जब हर वर्ग को बराबरी का हक और अवसर मिले.
उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें देश की राजनीति में ऊंचे मुकाम तक पहुंचाया. बाबू जगजीवन राम ने India के स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आजादी के बाद, उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं. उप Prime Minister के तौर पर उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए. 1960 के दशक में बतौर खाद्य और कृषि मंत्री हरित क्रांति में अनमोल योगदान दिया, इसलिए उन्हें हरित क्रांति का अग्रदूत भी कहा जाने लगा.
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वीकेयू/केआर