रामपुर, 2 जनवरी . यूपी के रामपुर में एक निजी कार्यक्रम के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदुत्व के जागरण और हिंदू धर्म की समृद्धि को लेकर प्रवचन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में केवल एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) नहीं, बल्कि एचआई (हिंदुत्व इंटेलिजेंस) भी होना चाहिए, जिससे हिंदुत्व को सही दिशा मिल सके और हिंदू समाज की प्रगति हो.
अपने प्रवचन में धीरेन्द्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हमारी कोशिश और प्रयास यही है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जाए. हिंदू राष्ट्र का मतलब किसी एक मजहब के खिलाफ नहीं है. इसका अर्थ है कि सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर एक साथ रहें. जैसे दुबई में सभी संस्कृतियों का सम्मान होता है, वैसे ही भारत में भी सभी को समान अधिकार होना चाहिए. भारत किसी एक का नहीं, सबका है. हिंदुत्व का मतलब जीवन जीने की सही विचारधारा है. हिंदुत्व का अर्थ अहिंसा और सबको साथ लेकर चलने का जीवन है. हिंदुत्व भारत को विश्व गुरु बनाने की पहल है.
संभल विवाद पर धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि मैंने जो कहा, वह बिल्कुल सही है. वहां के कलेक्टर, एसपी और अन्य अधिकारियों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने सदियों से बंद पड़े हनुमान और शिव मंदिरों को फिर से खोला. यह पुनर्निर्माण सनातन धर्म की धरोहर को फिर से स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है. हम मुसलमानों और सभी धर्मों के अनुयायियों से यह कहना चाहते हैं कि सनातन संस्कृति कभी किसी धर्म के खिलाफ नहीं रही. जहां मंदिर थे, वहीं मंदिर फिर से बनेंगे, बस इतना होना है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब सभी को साथ लेकर चलने का है. यह भारत को मजबूत और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
धीरेन्द्र शास्त्री के पुराने बयान पर असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया को लेकर सवाल किए जाने पर शास्त्री ने कहा कि अगर ओवैसी के लोग हमारे बयान पर गुस्से में हैं तो यह उनकी मूर्खता है. उन्हें तो उदार दिल दिखाते हुए कहना चाहिए कि हमारे सनातन धर्म के मंदिरों का स्वागत है. अगर कोई मंदिर की जांच करना चाहता है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. हम तो कहते हैं कि हमारे मंदिरों की जांच होनी चाहिए.
संभल में मिले 2000 साल पुराने संग्रहालय में सनातन धर्म के सबूतों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश वह है, जहां करोड़ों साल पुराने सबूत भी मिलते हैं. सनातन धर्म पृथ्वी पर मानव सभ्यता के प्रारंभ से ही अस्तित्व में है. दूसरे शहरों में भी ऐसी खुदाई की संभावना पर सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि होनी चाहिए.
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