नई दिल्ली, 15 मई . भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इतिहास रचने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. अमेरिका की स्पेस कंपनी ने गुरुवार को ‘एक्सिओम मिशन-4’ में 11 दिन लेट होने की जानकारी दी. शुक्ला का मिशन 14 दिन का होगा.
शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जाने वाले पहले भारतीय बनने वाले हैं.
एक्सिओम स्पेस ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले मिशन 29 मई को लॉन्च होने वाला था, जिसमें बदलाव हुआ और अब फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से 8 जून को सुबह 9 बजकर 11 मिनट ईटी (शाम 6:41 बजे आईएसटी) पर उड़ान भरेगा.
मिशन का संचालन करने वाले शुभांशु शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिटसन (अमेरिका), मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) और मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू (हंगरी) के साथ आईएसएस जाएंगे.
एक्सिओम ने एक बयान में कहा, “एक्स-4 कमर्शियल ह्यूमन स्पेस फ्लाइट उड़ान के विकास में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतिनिधित्व करता है. इतिहास में पहली बार भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री सरकारी मिशन के लिए एक साथ उड़ान भरेंगे.”
नासा ने इस मिशन लॉन्च में देरी की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, “स्पेस स्टेशन उड़ान कार्यक्रम की समीक्षा करने के बाद, नासा और उसके सहयोगी कई आगामी मिशनों के लिए लॉन्चिग की तारीखों में बदलाव कर रहे हैं. इसी क्रम में अब एक्सिओम मिशन 4 को 8 जून, रविवार को लॉन्च किया जाएगा.
एक्सिओम मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारत की इसरो की संयुक्त पहल है. राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे. शुभांशु शुक्ला की ये यात्रा 1984 में राकेश शर्मा की यात्रा के चार दशक बाद हो रही है. शर्मा ने रूस के सोयुज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी.
साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा किया था कि भारत के बेटे-बेटी बहुत जल्द अंतरिक्ष में जाएंगे. इसके बाद शुक्ला को साल 2019 में इसरो के अंतरिक्ष यात्री चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया था. जनवरी 2025 में, 39 वर्षीय अंतरिक्ष यात्री को नासा और इसरो के एक्स-4 मिशन के लिए पायलट के रूप में चुना गया था.
शुक्ला ने समाचार एजेंसी से बात की थी, उन्होंने देश में अंतरिक्ष स्टार्टअप अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने वाली असाधारण प्रतिभा की प्रशंसा भी की थी.
उन्होंने बताया था कि मिशन के दौरान वह पायलट के रूप में काम करेंगे. साथ ही सिस्टम को मैनेज भी करेंगे. उन्होंने बताया था, ” मैं वाहन को नेविगेट करूंगा और उपलब्ध सभी डेटा को देखूंगा.”
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एमटी/केआर