दिल्ली को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में डीटीयू का जागरूकता कार्यक्रम

नई दिल्ली, 21 मई . दिल्ली को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए शासन और प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में दिल्ली के शाहबाद दौलतपुर स्थित दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) ने बुधवार को ‘प्लास्टिक मुक्त सार्वजनिक स्थान’ अभियान के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया.

इस कार्यक्रम में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. उनके साथ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के उपमहापौर जयभगवान यादव, निगम आयुक्त अश्विनी कुमार और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दिल्ली को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना था. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, “स्वच्छ दिल्ली का सपना तभी साकार होगा, जब हम सभी मिलकर प्लास्टिक के उपयोग को कम करें. इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. मैं दिल्ली नगर निगम, दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी और इस आयोजन से जुड़ी सभी संस्थाओं को बधाई देता हूं.” उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे एकल-उपयोग प्लास्टिक से परहेज करें और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाएं.

दिल्ली नगर निगम के आयुक्त अश्विनी कुमार ने कहा, “प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है और इसे रोकने के लिए सख्ती से प्रतिबंध लागू करना जरूरी है. हम न केवल नियमों को लागू करेंगे, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए ऐसे अभियानों को और बढ़ावा देंगे. दिल्ली को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है, जिसमें नागरिकों, शैक्षणिक संस्थानों और प्रशासन की भागीदारी महत्वपूर्ण है.”

कार्यक्रम में उपमहापौर जयभगवान यादव ने भी अपने विचार साझा किए और कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और अपने आसपास के लोगों को जागरूक करें.

डीटीयू के छात्रों और प्रोफेसरों ने भी इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया, जिसमें प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को दर्शाने वाली प्रदर्शनी शामिल थी. कार्यक्रम में शामिल लोगों ने प्रतिज्ञा ली कि वे प्लास्टिक के उपयोग को कम करेंगे और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देंगे.

एकेएस/एकेजे