ढाका, 16 जून . बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस को “अवैध और फासीवादी काबिज” करार देते हुए, अवामी लीग के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को ढाका की सड़कों पर विरोध मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों ने यूनुस के तुरंत इस्तीफे की मांग की, साथ ही पार्टी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे “दिखावटी मुकदमों” को रद्द करने की भी अपील की.
पार्टी के सोशल मीडिया पेज पर साझा किए गए विरोध प्रदर्शन के वीडियो में कई पार्टी कार्यकर्ता हसीना के समर्थन में ढाका की सड़कों पर मार्च करते और बैनर लिए हुए दिखाई दिए, जिन पर लिखा था “हसीना वापस आएंगी.”
अवामी लीग ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा, “पिछले कुछ महीनों में देश की नजरों में यह स्पष्ट हो गया है कि यूनुस सरकार ने देश के लोकतंत्र को मार डाला है, अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है, शिक्षा को खत्म कर दिया है और न्यायपालिका को सरकार के हाथों की कठपुतली बना दिया है. अवामी लीग इन कठिन समय में लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र ताकत है.”
पार्टी ने कहा, “आवामी लीग ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो स्वतंत्रता संग्राम की चेतना में विश्वास करती है, धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करती है और देश के विकास को आगे ले जा सकती है. अन्य लोग सिर्फ राष्ट्रविरोधी साजिश में व्यस्त हैं. लड़ाई शुरू हो चुकी है और अब पीछे मुड़ने का कोई रास्ता नहीं है. आज का कार्यक्रम सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है; यह एक क्रांति की शुरुआत है. पूरा देश अब इस कार्यक्रम को देख रहा है. आवामी लीग का हर जुलूस एक चिंगारी की तरह है, जो एक दिन आग में फैल जाएगी. पूरे देश में अवैध सरकार के गिरने तक संघर्ष जारी रहेगा.”
पार्टी ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश के लोग “लुटेरों, भ्रष्ट, यूनुस सरकार” का कुशासन नहीं चाहते हैं. बताया गया कि सोमवार को सड़कों पर हुए विरोध प्रदर्शन ने एक संदेश दिया कि “आवामी लीग का मतलब देश को बचाने की ताकत है.”
अवामी लीग के अनुसार, अगस्त 2024 में सत्ता संभालने के बाद से यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत आम लोग पीड़ित हैं.
अवामी लीग द्वारा आम लोगों की पीड़ा को उजागर करने और यूनुस शासन के तहत उनकी पीड़ा को दिखाने के लिए एक वीडियो पोस्ट किया गया. इसमें एक रिक्शा चालक कहता है, “मैं यूनुस के शासन में रिक्शा चलाने से डरता हूं. पुलिस हमें हिरासत में ले लेती है और पैसे लिए बिना नहीं छोड़ती. अगर अवामी लीग होती, तो कम से कम मैं भूखा नहीं मरता.”
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एससीएच/डीएससी