बांग्लादेश की अवामी लीग ने देश के भविष्य को लेकर चिंता जताई, यूनुस सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

ढाका, 5 सितंबर . बांग्लादेश में हालात बद से बदतर हैं. खासकर आर्थिक तौर पर बांग्लादेश की स्थिति पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीर बन चुकी है. अवामी लीग बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर देश को बर्बाद करने का आरोप लगा रही है.

अवामी लीग ने कहा कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत देश राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता की चपेट में है, जिसका असर लाखों लोगों के जीवन पर पड़ रहा है.

यूनुस सरकार की आलोचना करते हुए पार्टी ने कहा, “इस स्थिति की जिम्मेदारी पूरी तरह से मौजूदा नेतृत्व पर है. सत्ता में एक साल रहने के बाद भी, अंतरिम सरकार राजनीतिक स्थिरता स्थापित करने में विफल रही है. इसके बजाय, नए संकट सामने आते रहते हैं. जिस प्रशासन ने खुद को ‘सुधारक’ बताया था, उसी ने 20 सालों में सबसे कम आर्थिक विकास दर हासिल की है.”

अवामी लीग ने कहा कि हाल के महीनों में विश्वविद्यालयों में अशांति, राजनीतिक समूहों के बीच झड़पें और देशभर के परिसरों में हुई ताजा घटनाओं ने स्पष्ट संदेश दिया है कि राजनीतिक स्थिरता अभी भी दूर की कौड़ी है.

पार्टी ने आगे कहा कि इस अस्थिरता का सबसे बड़ा नुकसान अर्थव्यवस्था को हुआ है, जिसका असर आम बांग्लादेशियों के जीवन पर पड़ रहा है.

पार्टी ने कहा कि अर्थशास्त्री लंबे समय से यह तर्क देते रहे हैं कि देश में राजनीतिक स्थिरता के बिना सतत आर्थिक विकास असंभव है. उन्होंने सवाल किया, “जब राजनीतिक नेता हमलों का शिकार हो रहे हैं और विश्वविद्यालयों में धारा 144 लगानी पड़ रही है, तो ऐसे माहौल में निवेशक सिस्टम पर कैसे भरोसा करेंगे?”

अवामी लीग ने कहा, “वास्तविकता यह है कि निवेशकों ने ‘रुको और देखो’ की नीति अपनाई है. वे देखना चाहते हैं कि राजनीतिक दिशा क्या होती है. इस अनिश्चितता के कारण नई परियोजनाएं शुरू नहीं हो रही हैं और मौजूदा परियोजनाएं जोखिम में हैं. इसके कारण रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है.”

बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स का हवाला देते हुए पार्टी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 3.97 प्रतिशत रह गई है, जो दो दशकों में सबसे कम है. यह सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि लाखों लोगों के गिरते जीवन स्तर का प्रतिबिंब है क्योंकि धीमी वृद्धि के कारण बांग्लादेश में नौकरियां कम हुई हैं, आय कम हुई है और गरीबी बढ़ी है.

पार्टी ने देश के दो राजनीतिक दलों, जातीय पार्टी (जापा) और गोनो अधिकार परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़पों का हवाला देते हुए सेना की भूमिका पर सवाल उठाया, जिसने सीधे हस्तक्षेप किया और नेताओं पर लाठीचार्ज किया. अवामी लीग के अनुसार, इस घटना ने स्थानीय और विदेशी निवेशकों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है.

पार्टी ने कहा, “जब सेना राजनीतिक विवादों को सुलझाने के लिए आगे आती है, तो इससे लोकतांत्रिक संस्थाओं के भविष्य पर संदेह पैदा होता है. जून के अंत तक निजी क्षेत्र में कर्ज वृद्धि दर महज 6.4% थी, जो दिखाता है कि राजनीतिक जोखिमों के चलते व्यवसायों ने नए निवेश में रुचि खो दी है.”

अवामी लीग ने आगाह किया कि अगर हिंसा और अशांति जारी रही, तो बांग्लादेश ज्यादा गहरे संकट में फंस जाएगा. अर्थव्यवस्था को ठीक होने में समय लगेगा, लेकिन नए घाव देने में बिल्कुल भी समय नहीं लगता.

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