ढाका, 11 अगस्त . अवामी लीग ने Monday को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. पार्टी ने कहा कि देश इस समय “चरमपंथी, सांप्रदायिक और आतंकवादी ताकतों के साथ ही विदेशी एजेंटों की खतरनाक गतिविधियों” से “गंभीर खतरे और तबाही” की स्थिति में है.
पार्टी ने कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा “सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संकट” पर काबू पाने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहाल करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में 21 मांगें पेश की गई हैं.
“भयानक संकट” की ओर इशारा करते हुए पार्टी ने कहा कि बांग्लादेश, जिसे ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में हुए मुक्ति संग्राम के बाद बनाया गया था, आज “चरमपंथी, सांप्रदायिक और आतंकवादी ताकतों” के हमलों से बुरी तरह प्रभावित है. पार्टी ने कहा कि देश अब संकट में है और युद्ध के मैदान जैसी स्थिति में पहुंच चुका है- “घायल और खून से लथपथ जमीन” बन गया है.
अवामी लीग ने कहा, “देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है, मानवाधिकारों का लगातार हनन हो रहा है, मीडिया की आजादी छिन ली गई है और महिलाओं के खिलाफ हिंसा, हमले और बलात्कार जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. आम लोगों का जीवन और संपत्ति सुरक्षित नहीं है, धार्मिक अल्पसंख्यकों को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है और कानून-व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है.”
इस बयान में देश में कानून और न्याय व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई गई है. इसमें कहा गया है, “केंद्रीय स्थलों से लेकर दूरदराज के इलाकों तक हर जगह बेलगाम भीड़ का आतंक फैला है. लूटपाट, डकैती और जबरन वसूली की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.”
पार्टी ने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस (जिन्हें उन्होंने “जनता का दुश्मन” बताया) देश को जंग की ओर धकेल कर बांग्लादेश के साथ “विश्वासघात” कर रहे हैं.
बयान में कहा गया है, “चरमपंथी आतंकवादियों और सांप्रदायिक ताकतों की हिंसा ने पूरे देश को डरा दिया है. बांग्लादेश की जमीन और संसाधनों को विदेशी हाथों में देने की साजिशें हो रही हैं. ऐसे गंभीर हालात में पूरे देश को मुक्ति संग्राम की भावना के साथ एकजुट होकर देश के खिलाफ काम करने वाले हत्यारे और फासीवादी यूनुस और कठपुतली सरकार को हटाना होगा.”
अवामी लीग ने जनता से देश के संविधान को वापस स्थापित करने और उसकी सुरक्षा करने का अनुरोध किया है.
पार्टी की 21 मांगों में मुहम्मद यूनुस के इस्तीफा, “फासीवादी शासन” को खत्म करने और लोकतंत्र को बहाल करने का उल्लेख है. इसके अलावा, न्यायाधीश ओबिदुल हसन और इनायतुर रहीम के घरों पर भीड़ के हमलों को संविधान का उल्लंघन बताया गया है. पार्टी ने यूनुस पर “असंवैधानिक तरीके से सत्ता हथियाने” का आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच और कानूनी कार्रवाई की मांग भी की है.
–
एसएचके/केआर