अवामी लीग का आरोप, बांग्लादेश में अशांति यूनुस के नेतृत्व में एक ‘सुनियोजित तख्तापलट’

ढाका, 13 अगस्त . बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी का आरोप है कि बीते साल जुलाई में हुए हिंसक प्रदर्शन कोई स्वतः क्रांति नहीं थे, बल्कि विदेशी ताकतों के समर्थन से एक ‘सुनियोजित तख्तापलट’ था, जिसका नेतृत्व देश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस कर रहे थे.

पार्टी के मुताबिक 5 अगस्त 2024 की सुबह बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के पतन, लोकतंत्र और संविधान के खात्मे को देखा.

अवामी लीग ने Wednesday को जारी एक बयान में कहा, “इस तख्तापलट के सूत्रधारों ने सिर्फ शेख हसीना को नहीं हटाया, उन्होंने उन सभी मूल्यों को मिटाने की कोशिश की, जिनका वह और अवामी लीग प्रतिनिधित्व करते थे. एक झटके में बंगबंधु की विरासत पर सवाल खड़े कर दिए गए, पिछले 15 वर्षों की मेहनत से हासिल उपलब्धियों को किनारे कर दिया गया और राज्य की मशीनरी अवसरवादियों के हवाले कर दी गई.”

बयान में आगे कहा गया, “यूनुस और उनके अभिजात्य शिक्षाविदों, एनजीओ संचालकों और विदेशी सलाहकारों के समूह लोकतंत्र बहाल करने नहीं आए थे. वह इसे अपने हितों के अनुरूप परिभाषित करने आए थे. उन्होंने एक पीढ़ी की नाराजगी को हथियार बनाया. शोक संतप्त राष्ट्र की भावनाओं से खेला और करोड़ों लोगों की ओर से चुनी गई सरकार की जगह दूतावासों और दानदाताओं के बोर्ड रूम के पीछे कमरों में जन्मी एक कठपुतली शासन को स्थापित कर दिया.”

पार्टी के अनुसार, शुरुआत से ही पिछले साल का आंदोलन, जो कोटा के मुद्दे पर छात्र-नेतृत्व वाले विरोध के रूप में पेश किया गया था, यह एक गहरी साजिश के संकेत दे रहा था.

अवामी लीग ने सवाल उठाया कि कैसे एक नीतिगत विवाद रातों-रात राष्ट्रीय संकट में बदल गया. विशाल रैलियों, मीडिया अभियानों और कानूनी लड़ाइयों के पीछे की व्यवस्था का फंड किसने दिया.

हालांकि, पार्टी ने कहा कि इसका जवाब एनजीओ समर्थित नेटवर्क, विदेशी दूतावासों और यूनुस जैसे शक्तिशाली लोगों के गठजोड़ की ओर इशारा करता है, जिनका नोबेल शांति पुरस्कार एक सुविधाजनक ढाल के रूप में काम करता था, जबकि उन्होंने उसी शांति और लोकतंत्र को कमजोर किया, जिसका समर्थन करने का दावा किया था.

यूनुस के दोहरे मानदंडों की आलोचना करते हुए, अवामी लीग ने कहा कि खुद को लोकतांत्रिक सुधारों का समर्थक बताते हुए वह निर्वाचित प्रतिनिधियों पर भीड़ के हमलों, राज्य संस्थानों को गिराने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त करने पर साफतौर पर चुप रहे.

पार्टी ने कहा कि यूनुस के सहयोगी विदेशी समर्थन से उत्साहित थे, क्योंकि पश्चिमी थिंक टैंक और मीडिया आउटलेट्स को अचानक शासन परिवर्तन का समर्थन करने का नैतिक औचित्य मिल गया.

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