पटना, 1 अप्रैल . बिहार में एक अप्रैल यानी मंगलवार से ऑटो या ई-रिक्शा पर स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के फैसले का अब विरोध शुरू हो गया है. ऑटो चालक यूनियन ने अब इस आदेश का विरोध शुरू कर दिया है.
मुंगेर में ऑटो चालक सड़क पर उतरकर इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, वहीं पटना में भी ऑटो चालक धरने पर बैठने जा रहे हैं. दरअसल, बिहार पुलिस मुख्यालय के यातायात प्रभाग ने राज्यभर के सभी जिलों में स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने के लिए ऑटो और ई-रिक्शा के उपयोग पर एक अप्रैल से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था. जिसके बाद मंगलवार से ऑटो रिक्शा पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है.
बताया गया कि क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है. इसी के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. मुख्यालय ने कहा है कि सभी जिलों में पुलिस और परिवहन विभाग मिलकर सख्ती से कार्रवाई करेंगे. इस आदेश का अब विरोध शुरू हो गया है.
मुंगेर में सड़कों पर उतरे ऑटो चालकों में शामिल विकास कुमार कहते हैं कि कई बार ऑटो का ईएमआई भी नहीं निकल पाता है. इस कारण स्कूली बच्चों को ले जाते थे, अब जब इस पर प्रतिबंध लग गया तो ईएमआई भी चुकाना मुश्किल हो जाएगा. इधर, विनय कुमार कहते हैं कि पहले ही डीजल वाहनों को हटाकर नई गाड़ी खरीदी थी, अब नए आदेश से मुश्किलें बढ़ गई हैं.
इस बीच, पटना में ऑटो यूनियनों द्वारा इस आदेश के विरोध में बुधवार को गर्दनीबाग में धरना देने का निर्णय लिया गया है. एक अनुमान के मुताबिक, राजधानी पटना में करीब पांच हजार ऑटो और ई-रिक्शा स्कूली सेवा में लगे हैं. यूनियन का कहना है कि ऐसा करने से चालकों के रोजगार पर खतरा होगा. हम लोग निश्चित तौर पर सरकार के फैसले के विरोध में आंदोलन करेंगे.
–
एमएनपी/एएस