ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने की रक्षा सचिव से मुलाकात

नई दिल्ली, 18 नवंबर . ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने सोमवार को नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मुलाकात की. गौरतलब है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा संबंध लगातार मजबूत हुए हैं. इन दिनों भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाएं एक संयुक्त सैन्य अभ्यास भी कर रही हैं. यह संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंद’ भारत में हो रहा है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के इस संयुक्त अभ्यास के दौरान आतंकवादी कार्रवाई का मुहतोड़ जवाब देने का अभ्यास हो रहा है. यहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के फौजी छापेमारी, तलाशी और दुश्मन का विनाश करने का संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं. आतंकवाद विरोधी अभियानों में हेलीपैड सुरक्षित करना व ड्रोन का इस्तेमाल भी इस अभ्यास का हिस्सा है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ऑस्ट्राहिंद का तीसरा संस्करण महाराष्ट्र के पुणे में विदेशी प्रशिक्षण नोड में चल रहा है. वहीं सोमवार को एक अन्य कार्यक्रम के तहत लोक प्रशासन और शासन सुधारों के क्षेत्र में सहयोग पर भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक आयोजित की गई.

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास और ऑस्ट्रेलियाई लोक सेवा आयुक्त डॉ. गॉर्डन डी ब्रूवर पीएसएम ने संयुक्त रूप से संयुक्त कार्य समूह की अध्यक्षता की. नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) के महानिदेशक डॉ. सुरेंद्र कुमार बागड़े, डीएआरपीजी के अतिरिक्त सचिव पुनीत यादव और दोनों देशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए.

कैनबरा में भारत के उप उच्चायुक्त सुनीत मेहता ने संयुक्त कार्य समूह का संचालन किया. इस बैठक में दोनों देशों ने सार्वजनिक सेवा वितरण के क्षेत्र में सर्वोत्तम नवाचार विधियों को साझा किया है. इस दौरान भारत में ई-गवर्नेंस को प्रोत्साहित करना और भारत में सरकारी कार्यालयों में डिजिटल सुधार आदि पर प्रस्तुति दी गई.

ऑस्ट्रेलिया की ओर से ‘माईगॉव-डिजिटल सरकारी सेवाओं की एकीकृत डिलीवरी’ और सेवाओं में आर्टिफिशियल के बारे में जानकारी साझा की गई है. एनसीजीजी के महानिदेशक ने ऑस्ट्रेलियाई पक्ष को एनसीजीजी के क्षमता निर्माण कार्यक्रम के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी दी. संयुक्त कार्य समूह की बैठक के परिणामस्वरूप, दोनों देश कई ब‍िंदुओं पर सहमत हुए हैं. इनमें सार्वजनिक सेवा वितरण में विश्वसनीय और एआई के सुरक्षित उपयोग के साथ डिजिटल सरकारी सेवाओं को मजबूत करना भी शामिल है.

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