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New Delhi, 23 नवंबर . विकसित India 2047 के दृष्टिकोण के तहत जम्मू-कश्मीर के विकास को बढ़ावा देने के लिए, राज्य के पहले चूना-पत्थर ब्लॉक की नीलामी Monday से जम्मू में शुरू की जाएगी. यह जानकारी खान मंत्रालय की ओर से Sunday को दी गई.
खान मंत्रालय ने बताया कि इस कार्यक्रम का नेतृत्व केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी करेंगे. इसमें जम्मू-कश्मीर के Chief Minister और उप-Chief Minister भी शामिल होंगे.
Government ने बताया कि अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में लगभग 314 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले कुल सात चूना-पत्थर ब्लॉक की पहचान की गई है. ये चूना-पत्थर के भंडार सीमेंट निर्माण, निर्माण कार्यों और अन्य औद्योगिक उपयोगों के लिए आवश्यक उच्च-गुणवत्ता वाले चूना-पत्थर की पर्याप्त संभावनाएं रखते हैं.
मंत्रालय ने कहा, “यह महत्वपूर्ण उपलब्धि 2015 में खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (एमएमडीआर अधिनियम) के तहत शुरू किए गए खनन सुधारों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है. इन सुधारों के बाद यह केंद्र शासित प्रदेश में होने वाली पहली खनन ब्लॉक नीलामी भी है, जो खनिज क्षेत्र में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धात्मकता और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है.”
यह नीलामी एमएमडीआर अधिनियम की धारा 11 के उपधारा (4) और (5) के अंतर्गत की जाएगी, जिससे ऐसे मामलों में केंद्र Government को प्रक्रिया को सुगम बनाने में सहायता मिलती है जहां राज्य या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को प्रक्रियात्मक बाधाओं का सामना करना पड़ता है. यह दृष्टिकोण सहकारी संघवाद के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करता है, जो समयबद्ध कार्यान्वयन और सुधारों के निष्पादन को सुनिश्चित करता है.
मंत्रालय ने कहा कि यह नीलामी एमएमडीआर अधिनियम की धारा 11 के उपधारा (4) और (5) के अंतर्गत की जाएगी, जिससे ऐसे मामलों में केंद्र Government को प्रक्रिया को सुगम बनाने में सहायता मिलती है जहां राज्य या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को प्रक्रियात्मक बाधाओं का सामना करना पड़ता है. यह दृष्टिकोण सहकारी संघवाद के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करता है, जो समयबद्ध कार्यान्वयन और सुधारों के निष्पादन को सुनिश्चित करता है.
इस पहल से स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार सृजन, राजस्व वृद्धि, औद्योगिक विस्तार और नयी आर्थिक अवसरों के मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जिससे जम्मू-कश्मीर के विकास की गति को बढ़ावा मिलेगा और विकसित India 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण में योगदान होगा.
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एबीएस/