दिल्ली की मुख्यमंत्री बनते ही ड्रामेबाजी कर रही हैं आतिशी : हर्ष मल्होत्रा

नई दिल्ली, 23 सितंबर . दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को पदभार संभाल लिया. उन्होंने अपनी कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखी है. उन्होंने खुद को भरत बताते हुए दावा किया है ‘श्री राम’ इस कुर्सी पर कुछ महीनों बाद बैठेंगे.

मुख्यमंत्री आतिशी के इस बयान पर केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने पलटवार किया. उन्होंने से बातचीत में कहा कि यह बहुत शर्म की बात है, दिल्ली में मुख्यमंत्री महिला बनती हैं, लेकिन वह भी ड्रामेबाजी कर रही हैं.

उन्होंने कहा, “पिछले 10 साल में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में काम नहीं किया और जनता को मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई. दिल्ली की नई सीएम आतिशी को उन कामों को ठीक करना चाहिए था, लेकिन वह ड्रामा कर रही हैं. उन्हें ड्रामा करने के लिए दिल्ली का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है. वह भी भ्रष्टाचारियों को फॉलो कर रही हैं और उनको अपना आदर्श मान रही हैं.“

हर्ष मल्होत्रा ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया 20 महीने तक जेल में रहे और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी 6 महीने तक जेल में रहकर आए. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को सही करार दिया. कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं और उनको शर्तों के साथ जमानत मिली है. कोर्ट ने केजरीवाल को यह भी निर्देश दिया कि वह मुख्यमंत्री होने के बावजूद ना तो सचिवालय जा सकते, ना ही किसी फाइल पर साइन कर सकते. तब जाकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया, क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है. लेकिन,आतिशी उन्हें फॉलो कर रही हैं.“

उन्होंने कहा, “एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हुए लोकसभा में बिल लेकर आते हैं. वह कहते हैं कि महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. मगर दूसरी और जब आतिशी दिल्ली की सीएम बनती हैं, तो ड्रामा करती हैं. अपने दिल की आवाज सुनकर उन्हें काम करना चाहिए. उन्हें खुद की भरत और भगवान राम से तुलना नहीं करनी चाहिए. भगवान राम ने तो अपने आदर्शों के लिए सत्ता को त्याग दिया था और 14 वर्ष वनवास में रहे थे. मगर वह तो छह महीने तक जेल में रहे और इसके बाद भी इस्तीफा नहीं दिया. वह सिर्फ ड्रामेबाजी करते हैं. इन्हें शर्म आनी चाहिए कि वह खुद की तुलना मर्यादा पुरुषोत्तम राम से कर रहे हैं.“

हर्ष मल्होत्रा ने अरविंद केजरीवाल द्वारा आरएसएस-भाजपा को लेकर दिए बयान पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी कांग्रेस के बड़े नेता हैं और अरविंद केजरीवाल के बारे में तो सभी लोग जानते हैं. केजरीवाल को अपनी गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए. वह अन्ना हजारे के कंधे पर पैर रखकर सत्ता तक पहुंचे और उन्होंने अपने ही गुरु को शर्मसार किया. इन लोगों को भाजपा और आरएसएस के बारे में नहीं बोलना चाहिए. दोनों ही राष्ट्रवादी संगठन हैं, जब भी देश में कोई आपदा आती है, तो आरएसएस के लोग ही सबसे पहले मदद के लिए पहुंचते हैं. भुज में जब भूकंप आया था, तो संघ के लोगों ने 15-20 दिनों तक बचाव अभियान में मदद की थी.“

मनीष सिसोदिया द्वारा अरविंद केजरीवाल को राम और खुद को लक्ष्मण बताए जाने पर भी उन्होंने निशाना साधा. उन्होंने कहा, “भगवान राम को वनवास मिला था, लक्ष्मण को तो नहीं मिला था, मगर लक्ष्मण ने अपने बड़े भाई की सेवा करके यह आदर्श पेश किया कि वह भी भगवान राम के साथ वनवास में जाएंगे. भगवान राम ने कितने बड़े आदर्श प्रस्तुत किए हैं. इन्हें उनका नाम लेकर हमारे धर्म ग्रंथों और आराध्यों को अपमानित नहीं करना चाहिए.“

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