पेरिस, 30 जुलाई . पेरिस ओलंपिक शुरू होने के बाद से ही आयोजन समिति को आयोजन स्थलों और खेल गांव में सुविधाओं की कमी को लेकर विदेशी खिलाड़ियों और टीम के सदस्यों की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
एक एथलीट ने गोपनीयता की शर्त पर को बताया, “जब हम अपने कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद लौटते हैं तो खेल गांव में खाना उपलब्ध नहीं होता है. जब हमने आयोजन समिति के अधिकारियों से इसका कारण पूछा, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था. इन बुनियादी सुविधाओं पर आयोजन समिति को तत्काल ध्यान देना चाहिए.”
एक अन्य खिलाड़ी ने कहा, “हमें अपनी आवश्यकताओं को समझाने में कठिनाई हो रही है. यहां तक कि एक स्टार अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी, जिसका नाम मैं नहीं बता सकता, उसे भी भोजन नहीं मिला. जो हम सभी के लिए चौंकाने वाला था.”
इससे पहले, 2024 पेरिस ओलंपिक के ओपनिंग सेरेमनी में लियोनार्डो दा विंची की पेंटिंग ‘द लास्ट सपर’ को ‘ड्रैग क्वीन्स’ के रूप में प्रस्तुत करने के लिए काफी आलोचना हुई थी.
इस पर कई लोगों ने नाराजगी जताई. वे इसे अपमानजनक और अपनी धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने वाला मानते हैं.
फ्रांस के कैथोलिक चर्च ने भी इस पर असहमति व्यक्त की और एक्स पर लिखा, “दुर्भाग्य से, इस समारोह में ऐसे दृश्य थे जो ईसाई धर्म का मजाक उड़ाते थे, जिसका हमें गहरा अफसोस है.”
आयोजकों ने बाद में इस दुर्घटना के लिए माफी मांगी.
वहीं, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा भी ओपनिंग सेरेमनी से खुश नहीं थीं. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में एथलीटों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया.
पीटी उषा ने से कहा, “ओपनिंग सेरेमनी में आयोजकों को एथलीटों पर अधिक ध्यान देना चाहिए था. यह एथलीटों का कार्यक्रम है, उन्हें खिलाड़ियों को अधिक महत्व देना चाहिए. ध्यान केवल कुछ सेकंड के लिए ही उन पर था, बाकी सब कुछ ठीक था.”
यहां तक कि आईओसी को भी शर्मिंदा होना पड़ा. ओपनिंग सेरेमनी के दौरान एफिल टॉवर के सामने राष्ट्रों की परेड के अंत में सभी प्रतिनिधियों के सामने ओलंपिक ध्वज को उल्टा फहराया गया था. यह निश्चित रूप से आईओसी के लिए अच्छा नहीं था.
जहां तक उचित भोजन की कमी का सवाल है, ग्रेट ब्रिटेन प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने प्रतियोगिताओं के पहले दिन से इस मुद्दे को उठाया है. ग्रेट ब्रिटेन के कई एथलीटों को बिना भोजन के रात बितानी पड़ी, जिससे प्रतिनिधिमंडल प्रमुख को खेलों के बाकी बचे दिनों के लिए उनकी जरूरतों का ख्याल रखने के लिए घर से एक शेफ को खेल गांव बुलाना पड़ा.
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एएमजे/