एटेरो ने डायरेक्ट टू कंज्यूमर सेगमेंट में कदम रखा, ‘सेलस्मार्ट’ ई-वेस्ट कंज्यूमर टेक-बैक प्लेटफॉर्म किया लॉन्च

नई दिल्ली, 31 जुलाई . भारत की सबसे बड़ी ई-वेस्ट रिसाइकिल करने वाली और दुनिया की सबसे बड़ी लिथियम आयन बैटरी रिसाइकिलिंग कंपनी एटेरो ने बुधवार को इंटीग्रेटेड ई-वेस्ट कंज्यूमर टेक-बैक प्लेटफॉर्म सेलस्मार्ट के लॉन्च के साथ डायरेक्ट टू कंज्यूमर (डी2सी) सेक्टर में कदम रखा.

भारत में ई-कचरा की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके 2030 तक 14 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है. इस समस्या से निपटने के लिए ये प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है. यह प्लेटफॉर्म ई-कचरा को रीसाइकल करने में मदद करेगा और इस समस्या का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

एटेरो के सीईओ और को-फाउंडर नितिन गुप्ता ने कहा, “सेलस्मार्ट घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स को सही तरीके से निपटाने में मदद करता है. लोगों को पता नहीं है कि ई-कचरे को कैसे निपटाना है और विकल्प भी कम हैं, इसलिए ई-कचरा प्रबंधन की तत्काल जरूरत है. इसलिए, सेलस्मार्ट उपभोक्ताओं को अपने घर से ही आसानी से और सही तरीके से निपटान करने में मदद करता है.”

इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खपत बढ़ रही है और उनके जीवन-चक्र तेजी से छोटे होते जा रहे हैं. अगर इन इलेक्ट्रॉनिक सामानों का सही ढंग से निपटान न किया गया तो इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं. डेटा लीकेज के अलावा पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इलेक्ट्रॉनिक सामान में कई हानिकारक रसायन होते हैं जो मिट्टी और जल को प्रदूषित कर सकते हैं.

नितिन गुप्ता ने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य सेलस्मार्ट को भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता टेक-बैक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करना है. हम अग्रणी ब्रांडों और ओईएम के साथ साझेदारी कर रहे हैं ताकि उनके व्यापार मॉडल में सर्कुलरिटी और स्थिरता को शामिल किया जा सके. सेलस्मार्ट के लॉन्च ने पूरे उद्योग में जिम्मेदार रीसाइक्लिंग प्रथाओं के लिए एक नया मानक स्थापित किया है.”

भारत सबसे ज्यादा डेटा उल्लंघन वाले देशों की लिस्ट में पांचवें स्थान पर है. 2023 में 5.3 मिलियन खातों से छेड़छाड़ की गई थी. डेटा उल्लंघन के परिणाम गंभीर हो सकते हैं, इसलिए संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए प्रभावी डेटा सैनिटाइजेशन और और इसे कैसे खत्म करें, इसके उपाय जरूरी हैं.

सेलस्मार्ट पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स की एंड-टू-एंड रीसाइक्लिंग प्रक्रिया को आसान बनाता है, जिससे उपभोक्ता उनके घर पर पिकअप का समय तय कर सकते हैं और बदले में अच्छी कीमत पा सकते हैं.

एटेरो वर्तमान में अपने रुड़की प्लांट में प्रतिवर्ष 144,000 मीट्रिक टन ई-वेस्ट प्रोसेस करता है और अगले पांच वर्षों में इसे 415,000 मीट्रिक टन तक बढ़ाने की योजना बना रहा है. यह नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर एकत्र किए गए ई-कचरे को मूल्यवर्धित हरित धातुओं में बदल देता है जो सर्कुलर अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं.

एटेरो ने सेलस्मार्ट के माध्यम से, उद्घाटन वर्ष में 100 करोड़ रुपये का वार्षिक आवर्ती राजस्व (एआरआर) हासिल करने की योजना बनाई है, जिसमें 14,000 मीट्रिक टन ई-कचरा सफलतापूर्वक एकत्र किया जाएगा और 0.4 मिलियन यूनिट को पुनः प्राप्त किया जाएगा. तीसरे वर्ष तक, एटेरो ने 1,000 करोड़ रुपये के एआरआर का लक्ष्य रखा है, जिसमें 140,000 मीट्रिक टन ई-कचरा एकत्र किया जाएगा और पांच मिलियन यूनिट पुनः प्राप्त किए जाएंगे

एटेरो का पैन इंडिया नेटवर्क और अग्रणी दृष्टिकोण इसे ई-कचरे का प्रबंधन में एक कुशल और कम लागत वाली रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनी बनाता है. शुरुआत में 10 मेट्रो और टियर-1 शहरों में मौजूद एटेरो का लक्ष्य तीन वर्षों के भीतर देशव्यापी उपस्थिति हासिल करना है.

सेलस्मार्ट पुराने उपकरणों को जल्दी, सुविधाजनक और अच्छे मूल्य पर बेचने के लिए एक वन-स्टॉप समाधान है.

एफजेड/