अहमदाबाद, 1 सितंबर . भारतीय शेयर बाजार में खुदरा निवेशक अहम भूमिका निभा रहे हैं और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के कुल 10 करोड़ से ज्यादा निवेशकों में से कम से कम 2.2 करोड़ महिलाएं हैं.
एनएसई पर लगभग 10 करोड़ पंजीकृत निवेशक हैं, जिनमें से लगभग 22 प्रतिशत महिला निवेशक हैं. एनएसई के मुख्य अर्थशास्त्री तीर्थंकर पटनायक ने यह जानकारी दी.
उन्होंने एनएसई और एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “2015 से, भारतीय शेयर बाजार में महिला निवेशकों की संख्या 6.8 गुना बढ़ी है. लगभग 69 प्रतिशत निवेशक 40 वर्ष से कम उम्र के हैं, इसलिए अधिक युवा लोग निवेश कर रहे हैं.”
खुदरा निवेशकों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है, और इस कारण, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा भारी बिकवाली और भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद, निफ्टी लगातार बढ़त बना रहा है.
पटनायक ने कहा, “भारतीय परिवारों का कुल ट्रेडिंग में 35 प्रतिशत हिस्सा है. मासिक एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) प्रवाह 23,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर चुका है, जो बाजार के लिए महत्वपूर्ण है.”
एनएसई के पास अब 10 करोड़ से अधिक यूनिक पंजीकृत निवेशक बेस हैं. प्रमुख एक्सचेंज के साथ पंजीकृत क्लाइंट कोड (खाते) की कुल संख्या 19 करोड़ है.
एनएसई के मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन के अनुसार, फरवरी के अंत में नौ करोड़ का आंकड़ा पार करने के बाद, यह सराहनीय है कि सिर्फ पांच महीनों में ही एक्सचेंज पर निवेशकों की संख्या में एक और करोड़ की बढ़ोतरी हुई है.
इस वृद्धि का श्रेय कई महत्वपूर्ण कारकों को दिया जा सकता है, जिनमें आसान ‘नो योर कस्टमर’ (केवाईसी) प्रक्रिया, स्टेकहोल्डर्स द्वारा संचालित निवेशक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से वित्तीय साक्षरता में वृद्धि, और बाजार में सकारात्मकता शामिल है.
पंजीकृत निवेशक बेस ने संचालन शुरू होने के 14 साल बाद एक करोड़ का आंकड़ा पार किया था. पिछले पांच वर्षों में निवेशक बेस में तीन गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है, जो डिजिटलाइजेशन में तेजी, बढ़ती निवेशक जागरूकता, वित्तीय समावेशन और मार्केट के लगातार प्रदर्शन से संभव हुई है.
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एएस