बिहार: छठ के बाद कम चरणों में हो सकता है विधानसभा चुनाव

Patna, 4 अक्टूबर . मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ Saturday को Patna में आगामी बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान Political दलों ने छठ के बाद कम चरणों में चुनाव करने का सुझाव दिया है.

बिहार की दो दिवसीय समीक्षा यात्रा के दौरान चुनाव आयोग ने राज्य में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय Political दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इनमें आम आदमी पार्टी, बसपा, भाजपा, भाकपा (मार्क्सवादी), कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी, भाकपा (माले) (लिबरेशन), जद (यू), लोजपा (रामविलास), राजद और रालोसपा शामिल थीं.

मुलाकात के दौरान आयोग ने सभी दलों से सुझाव मांगे और उन्हें मतदाताओं के साथ मिलकर उत्सव की भावना से चुनाव मनाने के लिए प्रोत्साहित किया. इस दौरान, सीईसी ने Political दलों को मजबूत लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हितधारक बताते हुए उनसे चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में पूर्ण भागीदारी करने का आह्वान किया.

चुनाव आयोग ने कहा कि Political दलों ने हाल ही में सफलतापूर्वक पूरे किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास और मतदाता सूचियों को शुद्ध करने के लिए आयोग को धन्यवाद दिया. उन्होंने चुनावी प्रक्रियाओं में अपना विश्वास भी दोहराया.

उन्होंने कहा कि दलों ने सुझाव दिया कि मतदाताओं की भागीदारी को अधिकतम करने के उद्देश्य से चुनाव छठ त्योहार के तुरंत बाद आयोजित किए जाएं और यथासंभव कम चरणों में पूरे किए जाएं.

इसके साथ ही दलों ने आयोग की कई पहलों की सराहना भी की, जिनमें प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करना, डाक मतपत्रों की गिनती ईवीएम मतगणना के अंतिम दौर से पहले पूरी करना और पीठासीन अधिकारी (पीआरओ) द्वारा पार्टी एजेंटों को फॉर्म 17सी वितरित करना सुनिश्चित करना शामिल है. सभी दलों ने आयोग की निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की क्षमता पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया.

Political दलों के साथ चर्चा के बाद, आयोग ने चुनाव योजना, ईवीएम प्रबंधन, कानून और व्यवस्था, और मतदाता जागरूकता जैसे विभिन्न पहलुओं पर आयुक्तों, आईजी, डीआईजीएस, डीईओ, एसएसपी और एसपी के साथ विस्तृत समीक्षा की.

आयोग ने अधिकारियों को पूरी निष्पक्षता से कार्य करने और Political दलों की शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. इसके अतिरिक्त, सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और Police अधीक्षकों को फर्जी खबरों के लिए social media प्लेटफॉर्म पर कड़ी नजर रखने और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए.

एसएके/डीएससी