असम पुलिस ने 3 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में भुवनेश्वर से एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार

भुवनेश्वर, 4 सितंबर (एआईएनएस). असल पुलिस की एक टीम ने भुवनेश्वर-कटक कमिश्नरेट पुलिस की मदद से Thursday को शिवसागर जिले के बिहुबोर पुलिस स्टेशन में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार आरोपी की पहचान निरूप सुंदर चौधरी के रूप में हुई है, जो भुवनेश्वर के नीलाद्री विहार इलाके का रहने वाला है.

इस बीच, मुख्य आरोपी समीर Patnaयक अपने सहयोगी सुनील साहू के साथ पुलिस को चकमा देकर भाग निकला. समीर ने निरूप और सुनील के साथ मिलकर कुछ महीने पहले दुष्मंत से कथित तौर पर लगभग 3 करोड़ रुपये की ठगी की थी.

बताया जा रहा है कि तीनों इस साल मार्च में ओडिशा भाग गए और तब से भुवनेश्वर में छिपे हुए हैं. इसके बाद, दुष्मंत की शिकायत के आधार पर बिहुबोर पुलिस ने मामला दर्ज किया और तीनों आरोपियों को जांच के लिए पेश होने का नोटिस जारी किया.

हालांकि, बार-बार नोटिस देने के बावजूद वे पुलिस के सामने पेश नहीं हुए. इसके बाद असम पुलिस की एक टीम Wednesday सुबह आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए भुवनेश्वर पहुंची.

असम पुलिस ने भुवनेश्वर पुलिस की मदद से Thursday को आरोपी निरूप को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि मुख्य आरोपी समीर Thursday को छापेमारी के दौरान पुलिस को चकमा देकर भाग निकला, जो भुवनेश्वर के इन्फोसिटी थाना क्षेत्र के सुभद्रा अपार्टमेंट में रह रहा है.

पुलिस अन्य आरोपी सुनील को भी पकड़ने में विफल रही.

शिकायतकर्ता दुष्यंत ने Thursday को एक मीडियाकर्मी से बात करते हुए कहा कि वह, समीर, निरूप और सुनील के साथ असम में एक कोयला खदान में खनन के व्यापार में लगे हुए थे.

उन्होंने आगे खुलासा किया कि आरोपियों ने फरवरी 2025 में भुवनेश्वर के शहीद नगर पुलिस स्टेशन में दुष्मंत के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार करवा दिया.

दुष्मंत ने आगे आरोप लगाया कि भुवनेश्वर में कारावास के दौरान, आरोपियों ने असम स्थित खदान से निकाले गए सभी कोयले को बेच दिया, जिससे 3 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी हुई.

जेल से रिहा होने के बाद दुष्मंत कथित तौर पर असम गया और उसे आरोपी तिकड़ी द्वारा की गई धोखाधड़ी के बारे में पता चला.

इसके बाद उन्होंने इस वर्ष अगस्त में बिहुबोर पुलिस स्टेशन में समीर, सुनील और निरूप के खिलाफ मामला दर्ज कराया.

एकेएस