New Delhi, 24 जुलाई . Supreme court ने असम के हसीला बीला गांव में हुई ‘बुलडोजर कार्रवाई’ पर राज्य के प्रमुख सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है. प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ लोगों ने Supreme court का रुख किया था. Thursday को Supreme court ने इस मामले में सुनवाई की.
याचिकाकर्ताओं के वकील अदील अहमद ने बताया, “बिना नोटिस के प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई की थी. एक दिन की मोहलत भी नहीं दी गई. 650 से ज्यादा लोगों पर इसका असर पड़ा. इसी के खिलाफ Supreme court में याचिका लगाई गई. नियमों का उल्लंघन हुआ है. चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने नोटिस जारी किया है.”
पूरा मामला असम के ग्वालपाड़ा जिले के हसीला बील गांव का है. यहां कथित तौर पर अवैध अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की गई थी. इसके बाद बुलडोजर एक्शन से प्रभावित लोगों ने Supreme court में अवमानना की याचिका दायर की.
याचिका में आरोप लगाया गया कि असम सरकार की कार्रवाई Supreme court के 13 नवंबर 2024 के आदेशों की अवहेलना है. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी, “पिछले 60 सालों से वो लोग हसीला बील इलाके में रह रहे हैं. वे विस्थापित लोग हैं, जिनके पूर्वज ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव से अपनी जमीन खो चुके थे.”
प्रशासन ने 13 जून 2025 को बेदखली का नोटिस जारी किया और 15 जून तक घर खाली करने को कहा. याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिना व्यक्तिगत नोटिस, सुनवाई या वैकल्पिक व्यवस्था दिए 667 परिवारों के घर और 5 स्कूल तोड़ दिए गए. याचिका में कहा गया कि स्कूलों को तोड़कर बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन किया गया. सरकार की तरफ से कोई पुनर्वास, मुआवजा या अस्थायी राहत भी नहीं दी गई.
याचिकाकर्ताओं ने अपील की थी कि Supreme court के आदेश की अवमानना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा, पुनर्वास और स्कूलों के पुनर्निर्माण का निर्देश दिया जाए.
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डीसीएच/