मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर तेजी से हो रहा काम : अश्विनी वैष्णव

New Delhi, 20 अगस्त . केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने Wednesday को संसद को बताया कि Mumbai -Ahmedabad हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना (508 किलोमीटर) पर तेजी से काम चल रहा है, जिसमें 406 किलोमीटर में नींव का काम पूरा हो चुका है और 127 किलोमीटर लंबे पुल पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो चुका है.

Union Minister ने Lok Sabha में बताया कि इस परियोजना के अन्य प्रमुख कार्य जो पूरे हो चुके हैं, उनमें 395 किलोमीटर में खंभे और 300 किलोमीटर से अधिक में गर्डर कास्टिंग और गर्डर लॉन्चिंग शामिल हैं. इंजनों को बिजली प्रदान करने के लिए ओवरहेड उपकरण मस्तूलों का निर्माण भी शुरू हो गया है.

कुल 12 स्टेशनों में से 8 स्टेशनों (वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आणंद, वडोदरा, Ahmedabad और साबरमती) पर नींव का काम पूरा हो चुका है.

Maharashtra खंड में, 3 स्टेशनों (ठाणे, विरार, बोईसर) पर नींव का काम प्रगति पर है, बीकेसी स्टेशन पर खुदाई का काम लगभग पूरा होने वाला है और बेस स्लैब की ढलाई शुरू हो गई है.

16 नदी पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि Gujarat में 5 प्रमुख नदी पुलों (नर्मदा, विश्वामित्री, माही, ताप्ती और साबरमती) पर काम अंतिम चरण में है और Maharashtra में चार नदी पुलों पर काम प्रगति पर है.

डिपो (ठाणे, सूरत और साबरमती) पर काम जोरों पर है. Gujarat में एकमात्र सुरंग का काम पूरा हो चुका है. समुद्र के नीचे सुरंग (लगभग 21 किमी) का काम शुरू हो गया है, जबकि Maharashtra में घनसोली और शिलफाटा के बीच 4 किमी लंबी सुरंग का काम पूरा हो चुका है.

Union Minister ने यह भी बताया कि 30 जून, 2025 तक इस परियोजना पर कुल 78,839 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं.

इस परियोजना ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से निर्माण से जुड़े लोगों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा किए हैं, विभिन्न वस्तुओं, निर्माण सामग्री, उपकरणों और सेवाओं की आपूर्ति की है.

Union Minister वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना बहुत जटिल और तकनीकी रूप से गहन होती है.

उन्होंने आगे कहा कि परियोजना के पूरा होने की सटीक समय-सीमा और लागत का अनुमान सिविल संरचनाओं, ट्रैक, विद्युत, सिग्नलिंग और दूरसंचार तथा ट्रेनसेट की आपूर्ति जैसे सभी संबंधित कार्यों के पूरा होने के बाद ही लगाया जा सकता है.

Union Minister ने यह भी बताया कि एमएएचएसआर परियोजना के लिए 1389.5 हेक्टेयर की पूरी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है.

कोस्टल रेगुलेशन जोन (सीआरजेड) और वन संबंधी सभी वैधानिक मंजूरियां प्राप्त कर ली गई हैं.

परियोजना के सभी सिविल अनुबंध प्रदान कर दिए गए हैं. कुल 28 टेंडर पैकेजों में से 24 टेंडर पैकेज प्रदान कर दिए गए हैं. सभी 1,651 उपयोगिताओं को स्थानांतरित कर दिया गया है.

Union Minister ने आगे कहा कि वंदे India ट्रेनें मौजूदा नेटवर्क के लिए सेमी-हाई स्पीड वाली ट्रेनें हैं और इन्हें बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए डिजाइन नहीं किया गया है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जापानी शिंकानसेन ट्रेनों के लिए डिजाइन की गई है.

अब तक, भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज (बी.जी.) इलेक्ट्रिफाइड नेटवर्क पर चेयर कार वाली 150 वंदे India ट्रेनें चल रही हैं. इसके अलावा, वंदे India ट्रेन सर्विस सहित नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत, भारतीय रेलवे पर एक सतत प्रक्रिया है. वंदे India ट्रेन सेटों को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है.

उन्होंने कहा कि इन सेवाओं को अधिक मार्गों तक विस्तारित करने के लिए मेक इन इंडिया पहल के तहत 200 वंदे India स्लीपर रेक का निर्माण कार्य चल रहा है.

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